आप सभी जानते हैं कि भारत में किसानों की आर्थिक स्थिति कैसी है. इसी पहलू को देखते हुए किसानों को आर्थिक मजबूत बनाने और उनके कर्ज के बोझ को हल्का करने के लिए केंद्र सरकार कई अहम कदम उठा रही है. जिसमें किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना भी है. जिसे विस्तार देते हुए कोरोना काल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के 2.5 करोड़ किसानों को KCC देने का फैसला किया थाऋ इसके जरिए किसानों को 2 लाख करोड़ तक की राशि दी जानी है.
केंद्र सरकार ने अपनी इस मुहिम के तहत किसानों काे सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध कराने की योजना बनाई हुई है. सरकार का मकसद है KCC के जरिये जरूरत पड़ने पर किसान खेती से जुड़ी चीजों जैसे- खाद, बीज, कीटनाशकों आदि की खरीद करने के लिए आसानी से कम ब्याज दरों पर कर्ज ले सकें. वहीं सरकार का दूसरा मकसद यह है कि किसानों को साहूकारों के मनमाने ब्याज दर से कर्ज लेने से बचाया जा सके.
किसान क्रेडिट कार्ड का फॉर्म सरकारी वेबसाइट PMkisan.gov.in पर उपलब्ध है. इसमें बताया गया है कि बैंक सिर्फ 3 दस्तावेज लेकर लोन दे सकता है. KCC बनवाने के किसान को आधार कार्ड, पैन कार्ड और फोटो की जरूरत है. साथ ही एक शपथ पत्र भी देना होता है. जिसमें किसान को यह बताना होता है कि उस किसान ने किसी दूसरे बैंक से तो लोन नहीं लिया.
अगर आप किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना चाहते हैं तो आप को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, नेशनल कारपोरेशन ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ इंडिया और इंडस्ट्रियल बैंक ऑफ इंडिया (IDBI) जैसे किसी भी राष्ट्रीय बैंक में जाकर KCC के लिए संपर्क कर सकते हैं.
किसान क्रेडिट कार्ड KCC की वैधता 5 साल तक की होती है. इस कार्ड पर किसानों को 3 लाख रुपए तक का लोन प्रदान किया जाता है. वैसे तो खेती के लिए लोन करीब 9 फीसदी के ब्याज दर के हिसाब से दिया जाता है. लेकिन, KCC पर किसानों को सरकार दो फीसदी की सब्सिडी देती है और समय पर KCC का पेमेंट पूरा करने पर 3 फीसदी की अतिरिक्त छूट मिलती है. जिससे किसानों को लोन अमाउंट पर सिर्फ 4 फीसदी की दर से ब्याज चुकाना पड़ता है.
KCC किसानों खेती करने के लिए दिया जाता है. इसके लिए किसान के पास अपनी जमीन होनी चाहिए. सरकार के इस मुहिम के द्वारा किसान जमीन को बिना गिरवी रखे 3 लाख रुपए का क्रेडिट पर लोन ले सकता है. KCC सिर्फ 5 साल के लिए वैध होता है. सरकार ने किसानों के हित में बड़ा कदम उठाते हुए 2019 में KCC के ब्याज दर में आर्थिक सहायता देते हुए इसका लाभ किसानों के साथ-साथ डेयरी उद्योग समेत पशुपालकों और मछली पालकों को भी देने का फैसला किया.
किसान क्रेडिट कार्ड KCC योजना की शुरुआत 1998 में हुई थी. इसके जरिए किसानों को आवश्यकता के अनुसार आसानी से खेती करने के लिए लोन मिल जाता है. इस कार्ड की रकम से किसान अपने कृषि से जुड़े सामानों को खरीद सकते हैं. इसमें खाद, बीज, कीटनाशक सामान शामिल है.
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