क्या है डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन? इस स्कीम से किसानों को क्या है लाभ, जानिए

क्या है डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन? इस स्कीम से किसानों को क्या है लाभ, जानिए

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका मकसद कृषि के क्षेत्र में डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल करके किसानों की कमाई को बढ़ाना और कृषि उत्पादकता में सुधार करना है. आइए जानते हैं किसानों के लिए क्यों फायदेमंद है ये स्कीम.

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क्या है डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन? इस स्कीम से किसानों को क्या है लाभ, जानिएडिजिटल एग्रीकल्चर मिशन

भारत सरकार किसानों के लिए समय-समय पर कई नई योजनाएं लाती रहती है और किसानों के हित में काम करती है. इसी उद्देश्य से किसानों की इनकम को बढ़ाने के लिए सरकार ने एक योजना लाई है डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन. इस मिशन के तहत सरकार कृषि क्षेत्र में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 2,817 करोड़ रुपये के डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी गई है. डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन भारत सरकार की एक योजना है, जिसका मकसद कृषि क्षेत्र में डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल करके किसानों की कमाई को बढ़ाना और खेती-किसानी और फसलों के उत्पादन में सुधार लाना है.

क्या है डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका मकसद कृषि के क्षेत्र में डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल करके किसानों की कमाई को बढ़ाना और कृषि उत्पादकता में सुधार करना है. इस मिशन के माध्यम से भारत के किसानों को कृषि से जुड़ी अलग-अलग सेवाएं जैसे कि मौसम की भविष्यवाणी, बीज की गुणवत्ता, कीटनाशकों का उपयोग और बाजार की जानकारी ऑनलाइन दी जाएगी.

क्या है इस मिशन का मकसद?

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन का मकसद डिजिटल उपकरणों और प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को कृषि संबंधी जानकारी और सेवाएं देकर उन्हें सशक्त बनाना है. साथ ही उन्नत कृषि तकनीकों, जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाकर कृषि उत्पादकता में सुधार पर भी काम किया जाएगा.

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मिशन से किसानों को क्या है फायदा

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन से किसानों को कई महत्वपूर्ण लाभ मिल सकते हैं, जो उनकी उत्पादकता, कमाई और जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेंगे. दरअसल, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए किसानों को उनकी फसलों, मिट्टी की गुणवत्ता और मौसम की जानकारी सही समय में मिलेगी. इससे उन्हें बेहतर खेती और किस्मों के निर्णय लेने में मदद मिलेगी, जिससे फसल की उपज और क्वालिटी में सुधार होगा. पर भी काम किया जाएगा. इस मिशन में किसान ID के माध्यम से किसानों का एक डेटाबेस तैयार किया जाएगा, जिसमें उनकी जमीन, फसल और लाभार्थी योजनाओं की जानकारी शामिल होगी. इससे किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा और उन्हें किसी प्रकार की कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं होगी.

बेहतर डेटा और डिजिटल साधनों के माध्यम से फसल बीमा का निपटान अधिक सटीक और तेज़ी से हो सकेगा. इसके अलावा, किसान आसानी से क्रेडिट और फसल लोन प्राप्त कर सकेंगे. वहीं, इस योजना के माध्यम से किसानों को अधिक लाभ होगा. साथ ही पूंजी निवेश बढ़ेगा, रोजगार पैदा होगा, आयात पर निर्भरता कम होगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी.

इस मिशन से जुड़ेंगे इतने किसान

बता दें कि इस मिशन के तहत सरकार का लक्ष्य 11 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल पहचान बनाने का है, जिनमें से 6 करोड़ किसान वर्तमान (2024-25) वित्तीय वर्ष में शामिल किए जाएंगे, साथ ही अगले 3 करोड़ किसान 2025-26 में, और बचे हुए 2 करोड़ किसान 2026-27 में शामिल किए जाएंगे.

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