हरियाणा में धान की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से शुरू हो चुकी है, मगर राइस मिलर्स की हड़ताल के चलते किसानों की धान की फसल की खरीद नहीं हो पा रही थी. वहीं आज कार्यवाहक सीएम नायब सिंह सैनी और राइस मिलर्स एसोसिएशन की वार्ता के बीच समझौता होने के बाद हड़ताल खत्म हो गया. इसके बाद प्रदेश में सरकारी और बासमती धान की खरीद राइस मिलर्स ने शुरू कर दी है.
किसान अपनी उपज को मंडियों में बेचने के लिए ला रहे हैं. किसानों ने कहा कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल धान की आवक कम हुई है. भाव भी कम मिल रहा है. पिछले साल चार से साढ़े चार हजार प्रति क्विंटल भाव किसानों को मिल रहा था. वहीं इस साल भाव में पांच सौ से एक हजार की मंदी है. किसान को उसकी फसल का लागत से कम भाव मिल रहा है. किसान की लागत भी पूरी नहीं निकल पा रही है. किसान को काफी नुकसान हो रहा है.
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वहीं आढ़तियों ने भी कहा कि इस साल भाव कम है. पिछले साल ज्यादा भाव किसान को मिला था. पीआर धान सरकारी खरीद पर खरीदा जा रहा है. आज चार दिन बाद धान बिका है जिससे सिर्फ लागत ही पूरी हो रही है.
शुक्रवार को सीएम नायब सिंह सैनी से आश्वासन मिलने के बाद राइस मिलर्स ने अपनी हड़ताल खत्म की. इसके बाद मंडियों में धान के उठान में तेजी देखी गई. इससे पहले धान की धीमी खरीद से किसान परेशान थे. साथ ही उठाव नहीं होने से भी परेशानी बढ़ गई थी. किसानों को मंडियों में बोरी उतारने के लिए जगह नहीं बची थी. लेकिन मिलर्स की हड़ताल खत्म होने के बाद धान का उठाव शुरू हो गया है.
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सैनी से बातचीत के दौरान कई मुद्दे सामने आए जिसमें धान के उठाव में केंद्र और एफसीआई का मसला भी उठा. मीटिंग के दौरान सीएम सैनी ने मिलर्स से कहा कि वे मिलिंग चार्ज के मुद्दे को केंद्र के सामने रखेंगे. मिलर्स धान कुटाई के चार्ज को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं जिसके लिए केंद्र से अनुमति लेनी होगी. इसलिए, किसानों को आश्वासन देते हुए सीएम सैनी ने कहा कि अगर केंद्र की ओर से मिलर्स का चार्ज नहीं बढ़ाया जाता है तो प्रदेश सरकार की ओर से मिलरों को अतिरिक्त बोनस दिया जाएगा.
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