प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद पहली बार 18 जून को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा करेंगे. इस दौरान वह देशभर के 9.26 करोड़ लाभार्थी किसानों के लिए 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की पीएम-किसान योजना की 17वीं किस्त जारी करेंगे. पीएम मोदी स्वयं सहायता समूहों (SHG) के 30,000 से अधिक सदस्यों को प्रमाण पत्र भी देंगे. इन सदस्यों को किसानों की मदद के लिए कृषि सखी योजना के तहत 'कृषि सखी' के रूप में ट्रेनिंग दी गई है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोदी जी ने सबसे पहले पीएम-किसान योजना की 17वीं किस्त जारी करने से संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर किए. 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान एक प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) पहल है, जिसके तहत लाभार्थी किसानों को उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए तीन समान किस्तों में सालाना 6,000 रुपये मिलते हैं. पीएम किसान योजना की शुरुआत से अब तक देश भर के 11 करोड़ से अधिक किसानों को 3.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की है.
कृषि मंत्री ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ मिलकर चलाई जा रही कृषि सखी योजना पर कहा कि इस योजना का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों की 90,000 महिलाओं को पैरा-एक्सटेंशन वर्कर कृषि श्रमिकों के रूप में प्रशिक्षित करना है, ताकि वे कृषक समुदाय की सहायता कर सकें और अतिरिक्त आय हासिल कर सकें.
अब तक टारगेट 70,000 में से 34,000 से अधिक कृषि सखियों को गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और मेघालय जैसे 12 राज्यों में पैरा- एक्सटेंशन वर्कर के रूप में प्रमाणित किया जा चुका है. सरकार कृषि क्षेत्र के लिए 100-दिवसीय योजना तैयार कर रही है, जिसमें किसानों के कल्याण और देश में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास पर जोर दिया गया है.
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