प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में फर्जीवाड़े को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. बिहार के जहानाबाद जिले में कई अपात्र किसानों ने गलत दस्तावेज देकर पीएम किसान का लाभ उठा लिया. हालांकि, कृषि विभाग ने अब अपात्र किसानों के ऊपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. विभाग ने इन किसानों को पीएम किसान की राशि लैटाने के लिए नोटिस भी जारी कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक, जिले के 1321 किसान पिछले कई साल से फर्जी तरीके से पीएम किसान योजना का लाभ उठा रहे थे. इन किसानों ने सरकार के खजाने को एक करोड़ 87 लाख चार हजार रुपये का चूना लगाया है. लेकिन, सरकार ने पैन कार्ड और आधार कार्ड के माध्यम से इन किसानों की चोरी पकड़ ली. वहीं, मामला उजागर होने पर अबतक अपात्र किसानों से 7 लाख 30 हजार रुपये की वसूली की गई है. खास बात यह है कि आरटीआर दाखिल करने वाले किसान भी इस योजना का फायदा उठा रहे थे. इनके अलावा, पति के साथ पत्नी व बच्चे भी किसान बनकर योजना के लाभार्थी बन गए थे.
हालांकि, पीएम किसान की गाइडलाइन के अनुसार किसान परिवार में एक घर से एक ही सदस्य योजना का फायदा उठा सकता है. ऐसे जिले में कुल 41 हजार 40 किसानों ने 15वीं किस्त का लाभ उठाया है. उनके खाते में 15वीं किस्त के कुल 9 करोड़ 22 लाख 78 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. खास बात यह है कि ये राशि सिर्फ उन किसानों के खाते में पहुंची है, जिन्होंने ई-केवाईसी पूरा किया है. जिन किसाने ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराया है, वे 15वीं किस्त की राशि से वंचित रह गए हैं.
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की स्कीम है. इस योजना के तहत किसानों का साल में 6 हजार रुपये दिए जाते हैं. खास बात यह है कि ये रुपये किसानों को 2000- 2000 रुपये की तीन समान किस्तों में कर के दिए जाते हैं. अभी तक केंद्र सरकार 15 किस्त जारी कर चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 15 नवंबर को 15वीं किस्त जारी की थी. तब सरकार ने 15वीं किस्त के लिए 18 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च की थी. वहीं, 8 करोड़ से अधिक किसानों ने 15वीं किस्त का फायदा उठाया. अब किसान 16वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत 24 फरवरी साल 2019 में की थी.
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