UP News: यूपी में अब किसान (Farmers) और ग्रामीण युवा उद्यमियों के लिए खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में हाथ आजमाने का सुनहरा अवसर है. प्रदेश में औद्योगिक विस्तार के लिए प्रयासरत योगी सरकार (Yogi government) विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंडों की ई नीलामी को रफ्तार दे रही है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) द्वारा अपने औद्योगिक क्षेत्रों में लगातार प्लाट्स का ई-ऑक्शन किया जा रहा है. बीते 5 अक्टूबर को ई-नीलामी के माध्यम से विभिन्न परियोजनाओ के लिए 68 भूखण्डों का आवंटन किया गया. इनमें जिन औद्योगिक समूहों के साथ एमओयू हुआ है उन्हें भी प्लॉट्स आवंटित हुए हैं. इसके तहत एटा में फ़ूड प्रोसेसिंग परियोजना के अंतर्गत तथा संडीला में प्लाईवुड परियोजना के अंतर्गत भूमि आवंटित हुई है.
प्राधिकरण ने इस कड़ी में मथुरा, अलीगढ़, अमेठी, गौतमबुद्ध नगर, वाराणसी, कानपुर, शाहजहांपुर, हरदोई एवं चंदौली जनपदों के औद्योगिक क्षेत्रों के भूखण्डों के आवंटन हेतु आवेदन मांगे थे. प्राधिकरण के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया कि ई नीलामी में पूरी पारदर्शिता के साथ लगातार भूखंडों का आवंटन हो रहा है.
किसानों एवं युवा उद्यमियों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए निवेश करने पर सरकार कई तरह की मदों में अनुदान देगी. इस योजना में बड़ी यूनिट लगाने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी 50 लाख से 50 करोड़ रुपये तक का निवेश करने वालों को अनुदान दिया जाएगा. वहीं 3 लाख से 20 लाख रुपये तक की निवेश वाली यूनिट लगाने के लिए आसान शर्तों पर सरकार अनुदान देगी. इसके लिए किसानों को प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत आवेदन करना होगा. फिलहाल सरकार ने नई नीति को लागू करने के शुरुआती क्रम में खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए उद्यमियों को आवेदन मांगे हैं.
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इसके लिए उद्यमियों को यूपी निवेश मित्र पोर्टल https://niveshmitra.up.nic.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इस बारे में अधिक जानकारी के लिए निवेशक,खाद्य प्रसंस्करण नीति 2023 की आधिकारिक वेबसाइट (https://fppup.uphorticulture.in) पर संपर्क किया जा सकता है.
नई खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने के लिए अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक के निवेश पर परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. यह अनुदान तकनीकी सहयोग, सिविल कार्य एवं प्लांट मशीनरी पर दिया जाएगा. इसके अलावा पुरानी यूनिट का विस्तार या आधुनिकीकरण करने के लिए अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक के निवेश पर भी 35 प्रतिशत अनुदान सरकार देगी. जो निवेशक कोल्ड स्टोरेज लगाना चाहते हैं, उन्हें 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 35 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा.
इसी तरह कम से कम 25 करोड़ एवं अधिकतम 35 करोड़ रुपये की लागत से कृषि प्रसंस्करण समूह में कम से कम 5 यूनिट लगाने पर भी 35 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. विकेंद्रीकृत खरीद भंडारण एवं प्रसंस्करण यूनिट लगाने के लिए निवेश करने वालों को कुल निवेश का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. इस मद में अनुदान की अधिकतम सीमा 50 लाख रुपये है.
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इस नीति के तहत ग्रामीण इलाकों में 75 केवीए तक का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर लागत का 50 से 90 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है. इसमें सामान्य वर्ग के लोगों को परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जबकि महिला आवेदक को कुल लागत का 90 प्रतिशत अनुदान मिलेगा.
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