फसल कटाई के बाद उपज की बर्बादी रोकने के लिए वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज और साइलो का निर्माण कराया जा रहा है. इसके लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम के तहत किसानों को 2 करोड़ रुपये तक का लोन दिया जा रहा है. सरकार इस लोन पर किसानों को 3 फीसदी ब्याज दर में छूट भी दे रही है. मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों को स्टोरेज यूनिट बनाने के लिए प्रेरित किया है और कहा है कि वे योजना का लाभ उठाएं. योजना के तहत राज्य में 7,804 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट मंजूर कर दिए गए हैं.
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम केंद्र सरकार की ओर से संचालित अहम योजना है, जिसका उद्देश्य देश में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास और विस्तार करना है. इस योजना के जरिए किसान एग्री इंफ्रा निर्माण के लिये बैंक से 2 करोड़ रुपये तक लोन के रूप में ले सकते हैं और इस लोन पर 3 फीसदी ब्याज छूट का लाभ 7 साल तक उठा सकते हैं. यह लोन सुविधा निजी और सरकारी बैंक से ली जा सकती है.
एग्री इंफ्रा फंड स्कीम के तहत किसान वेयरहाउस, साइलोस, कस्टम हायरिंग सेंटर लोन लेकर बना सकते हैं. इसके अलावा कोल्ड स्टोरेज, सॉर्टिंग व ग्रेडिंग यूनिट, प्राइमरी प्रॉसेसिंग यूनिट, एयरोफोनिक फार्मिंग, हायड्रोपोनिक फार्मिंग, वर्टिकल कार्मिंग, मशरूम फार्मिंग, स्मार्ट प्रिसीजन फार्मिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर भी बनाया जा सकता है.
योजनांतर्गत मध्यप्रदेश को वर्ष 2025-26 तक 7440 करोड़ रुपये का टारगेट दिया गया है. इसके एवज में 7,804 करोड़ रुपये के कुल 10.860 प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जा चुके हैं, जो कि देश के सभी राज्य की तुलना में सर्वाधिक हैं. इसके अतिरिक्त कुल 10.047 प्रकरणों में 5978 करोड़ रुपये का डिसबर्समेंट किया जा चुका है जो अन्य राज्यों की अपेक्षा कहीं अधिक है.
केंद्र सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 में मध्यप्रदेश को 500 करोड़ रुपये का टारगेट दिया गय था. इसके एवज में 1240 करोड़ रुपये के कुल 2152 प्रोजेक्ट स्वीकृत किये जा चुके हैं जो कि आवंटित टारगेट का 248 फीसदी है. साथ ही कुल 1745 प्रोजेक्ट में 721 करोड़ रुपये का डिसबर्समेंट किया जा चुका है. केंद्र की इस महत्वाकांशी योजना का देश में सर्वोत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश को वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 में अवार्ड से सम्मानित भी किया गया है.
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