भारतीय मसाले पूरी दुनिया में मशहूर हैं. भारी मात्रा में भारत की तरफ से इन मसालों को दूसरे देशों में भी निर्यात किया जाता है. आंकड़ों की मानें तो साल 2023-24 में भारत ने 4.46 बिलियन डॉलर के मसाले अमेरिका, चीन, यूएई और यूके जैसे देशों को निर्यात किए. साफ है कि भारतीय मसाले किस कदर अपनी जगह दुनिया में बना चुके हैं. ऐसे में इनकी खेती के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से किसानों को अलग-अलग तरह से प्रेरित किया जा रहा है. बिहार सरकार की 'बीज मसाले की योजना' इन्हीं कोशिशों का एक हिस्सा है जिसमें किसानों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है.
बिहार सरकार ने किसानों के आर्थिक विकास को ध्यान में रखकर साल 2024 में बीज मसाले योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत धनिया और मेथी की खेती करने वाले किसानों को 50 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है. राज्य बागवानी विभाग की तरफ से तब कहा गया था कि सरकार का मकसद किसानों को धनिया और मेथी उगाने के लिए पैसे देकर ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने में मदद करने का है. बिहार के सभी 38 जिलों में बीज मसाला योजना चलाई जा रही है. किसानों को इस योजना का फायदा कम से कम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) तक मिलेगा.
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बिहार सरकार की इस सब्सिडी योजना में किसानों को प्रति हेक्टेयर लगभग 30,000 रुपये तक की यूनिट लागत की सब्सिडी दी जा रही है किसान कम लागत में धनिया, मेथी जैसी फसलों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. साथ ही किसानों को धनिया और मेथी को और भी उन्नत तरीके से उगाना सिखाया जाएगा ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके. मसाले उगाने वाले किसानों को काफी मेहनत करनी पड़ती है और कई बार उन्हें काफी नुकसान भी झेलना पड़ता है.
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