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आटे की कीमत में जल्द आएगी गिरावट! सरकार तीन महीने में बेचेगी 25 लाख टन अतिरिक्त गेहूं

आटे की कीमत में जल्द आएगी गिरावट! सरकार तीन महीने में बेचेगी 25 लाख टन अतिरिक्त गेहूं

खाद्य सचिव ने कहा कि गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए NAFED, NCCF और केंद्रीय भंडार को आवंटन की समय-समय पर समीक्षा की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में कीमतें अधिक थीं, उनकी पहचान कर ली गई है और एजेंसियां उन क्षेत्रों में गेहूं की लक्षित बिक्री कर रही हैं.

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केंद्र सरकार ओपन मार्केट में बेचेगी अतिरिक्त गेहूं. (सांकेतिक फोटो) केंद्र सरकार ओपन मार्केट में बेचेगी अतिरिक्त गेहूं. (सांकेतिक फोटो)

केंद्र सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए पूरी तैरारी कर ली है. इसके लिए वह एफसीआई के माध्यम से ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत 2.5 मिलियन टन अतिरिक्त गेहू बेचेगी. केंद्र सरकार का मानना है कि मंडियों में गेहूं की सप्लाई बढ़ने से रिटेल मार्केट में आटे की कीमत में गिरावट आ सकती है. इससे खाद्य पदार्थ सस्ते हो जाएंगे. ऐसे में महंगाई भी कम हो जाएगी.

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए जनवरी से मार्च 2024 के दौरान थोक उपभोक्ताओं को 2.5 मिलियन टन अतिरिक्त गेहूं बेचने की तैयारी में है. मीडिया को जानकारी देते हुए खाद्य सचिव ने कहा कि अब तक एफसीआई द्वारा साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से प्रोसेसर्स को 4.46 मिलियन टन अनाज बेचा जा चुका है. चोपड़ा ने कहा कि इससे खुले बाजार में सस्ती कीमतों पर गेहूं की उपलब्धता बढ़ी है, जिससे देश भर में आम उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है.

बाजार में गेहूं की उपलब्धता और बढ़ेगी

सचिव ने कहा कि 2.5 मिलियन टन अतिरिक्त गेहूं 2024 के जनवरी-मार्च के दौरान ओएमएसएस के तहत मार्केट में उतारा जा सकता है. वहीं, खुले बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने एक और कदम उठाया है. एफसीआई द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से पेश की जाने वाली साप्ताहिक मात्रा को तत्काल प्रभाव से 3 लाख टन से बढ़ाकर 4 लाख टन करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि इससे खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता और बढ़ेगी.

बढ़ाकर 4 लाख टन कर दी गई है

सचिव ने कहा कि 'भारत आटा' ब्रांड के तहत रियायती दर पर गेहूं के आटे की बिक्री के लिए मात्रा जनवरी 2024 के अंत तक 2.5 लाख टन से बढ़ाकर 4 लाख टन कर दी गई है. उन्होंने कहा कि एफसीआई नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार जैसे केंद्रीय सहकारी संगठनों को आटा प्रसंस्करण के लिए और उनके भौतिक/मोबाइल आउटलेट के माध्यम से 'भारत आटा' ब्रांड के तहत बिक्री के लिए 27.50 रुपये प्रति किलो की किफायती कीमत पर गेहूं जारी कर रहा था. 

स्टॉक की स्थिति पर कड़ी नजर है

खाद्य सचिव ने कहा कि गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए NAFED, NCCF और केंद्रीय भंडार को आवंटन की समय-समय पर समीक्षा की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में कीमतें अधिक थीं, उनकी पहचान कर ली गई है और एजेंसियां उन क्षेत्रों में गेहूं की लक्षित बिक्री कर रही हैं. सचिव ने कहा कि सरकार कीमतों को नियंत्रित करने और देश में आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के स्टॉक की स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है.

गेहूं बेचने का आदेश दिया गया था

एफसीआई स्टॉक को खुले बाजार में जारी करने के अलावा, सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए जो अन्य उपाय किए हैं, उनमें गेहूं व्यापारियों पर स्टॉक सीमा को निर्धारित करना और मई 2022 से निर्यात पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. बता दें कि इस साल मई में, अनाज की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को पूरे वित्तीय वर्ष में ओएमएसएस के तहत ई-नीलामी के माध्यम से केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं को गेहूं बेचने का आदेश दिया गया था.