खाद्य मंत्रालय ने गोदामों के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने का निर्णय लिया है. दरअसल, केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि सरकार राज्य के स्वामित्व वाली एफसीआई और केंद्रीय भंडारण निगम के गोदामों के मौजूदा गोदामों के बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने के लिए लगभग 1,280 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में पारदर्शिता लाने में सुधार करने और लीकेज को रोकने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर रही है, उन्होंने कहा कि इसका पूरा उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन की दुकानों के माध्यम से 80 करोड़ से अधिक लोगों को क्वालिटी वाले खाद्यान्न की आपूर्ति करना है.
एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय खाद्य मंत्री जोशी ने कहा कि वर्तमान में देश में 2,278 गोदाम हैं, जिसमें स्वामित्व वाले और किराए के गोदाम शामिल हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अपने गोदामों के बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने पर 1,000 करोड़ रुपये और सीडब्ल्यूसी 280 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
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प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इससे अलग-अलग स्तरों पर घाटे को कम करके एफसीआई और सीडब्ल्यूसी दोनों को भारी बचत करने में मदद मिलेगी. सम्मेलन से इतर जोशी ने कहा कि केंद्र इन गोदामों में टेक्नोलॉजी और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए ये निवेश करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी आपात स्थिति में खाद्यान्न के भंडारण और वितरण के लिए पूरी तरह तैयार है.
जोशी ने कहा कि सरकार के गोदामों में चावल और गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है और खाद्य महंगाई दर भी नियंत्रण में है. खाद्य मंत्री ने कहा कि सरकार देश भर में भंडारण क्षमता भी बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से 700 लाख टन भंडारण क्षमता तैयार कर रहा है. जोशी ने पीडीएस में सुधार के लिए तीन मोबाइल एप्लिकेशन- डिपो दर्पण, अन्न मित्र और अन्न सहायता भी लॉन्च किए हैं. जोशी ने कहा कि ये तीन ऐप लीकेज को रोकने और बर्बादी को कम करने में मदद करेंगे. खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी एफसीआई अकेले सालाना 420 लाख टन खाद्यान्न ले जाती है.
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