
सूरजमुखी की एमएसपी पर खरीद करने और उसको भावांतर भरपाई योजना से हटाने की मांग को लेकर हरियाणा में बड़ा किसान आंदोलन शुरू हो गया है. कुरुक्षेत्र में नेशनल हाईवे-44 जाम करने वाले कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. इसमें भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी और प्रवक्ता राकेश बैंस भी शामिल बताए गए हैं. चढूनी की ही लीडरशिप में यह आंदोलन हो रहा है. पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज करते हुए किसानों को हाइवे से खदेड़ दिया. सरकार और किसानों ने सूरजमुखी के मुद्दे को अपनी नाक का सवाल बना लिया है. इसलिए दोनों आमने-सामने हैं. बहरहाल, किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ राज्य के कई जिलों में किसानों ने देर शाम जगह-जगह जाम लगा दिया है.
नेशनल हाईवे-44 को खाली करवाने के लिए पुलिस ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. कुरुक्षेत्र पुलिस ने कहा कि अभी हालात शांतिपूर्ण हैं. जिन लोगों ने कानून अपने हाथ में लिया है उनके खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है. मामला दर्ज कर लिया गया है. किसान नेताओं को हिरासत में लेने के बाद किसानों ने हरियाणा के कई इलाकों में सड़क मार्ग को जाम कर दिया. सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बुधवार को आंदोलन और बढ़ने का अंदेशा है क्योंकि राज्य सरकार ने अब तक मामले को सुलझाने के लिए बातचीत का कोई रास्ता नहीं खोला है.
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कुरुक्षेत्र में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में रोहतक पानीपत नेशनल हाई वे पर गांव भेंसवान में भी किसानों ने जाम लगाया. खट्टर सरकार को किसान विरोधी बताते हुए जमकर नारेबाजी की. रोहतक से हिसार नेशनल हाइवे-9 पर गांव भैणी महाराजपुर में महम के पास भी किसानों ने रोड जाम कर दिया. रोड जाम करने वाले किसानों ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक हम ऐसे ही आंदोलन करते रहेंगे. अपने हक की मांग कर रहे किसानों की पुलिस ने बर्बरता से पिटाई की है. इसके खिलाफ उनमें गुस्सा है.
किसानों की मांग है कि सरकार सूरजमुखी को एमएसपी पर खरीदे. लेकिन सरकार इसकी एमएसपी पर खरीद न करके उसे भावांतर भरपाई योजना के दायरे में ला रही है, जिससे किसानों को प्रति क्विंटल 1200 से 1400 रुपये का नुकसान हो रहा है. पुलिस की लाठीचार्ज से पहले गुरनाम सिंह चढूनी ने सीएम मनोहरलाल को किसानों की बात मानने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि किसानों की मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने पूछा कि सरकार एमएसपी देने से क्यों पीछे हट रही है.
किसान आंदोलन की जड़ में 30 मई 2023 का वो आदेश है जिसमें हरियाणा सरकार ने सूरजमुखी को भावांतर भरपाई योजना में शामिल कर लिया. कृषि विभाग ने सूरजमुखी बेचने वाले किसानों को 1000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मदद करने का एलान किया. हालांकि, किसानों का आरोप है कि सरकार इस योजना की आड़ में एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद बंद करना चाहती है.
हरियाणा में सूरजमुखी का दाम 4200 रुपये प्रति क्विंटल तक ही चल रहा है. जबकि इसका एमएसपी 6400 रुपये है. ऐसे में भावांतर योजना के तहत 1000 रुपये प्रति क्विंटल की सहायता मिलने के बावजूद किसानों को 1200-1400 रुपये प्रति क्विंटल का घाटा होगा. इसलिए किसान सूरजमुखी की खरीद एमएसपी पर ही करने की मांग कर रहे हैं.
(इनपुट-चंद्रप्रकाश, कुरुक्षेत्र, हरियाणा)
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