बिहार में अब किसान सिर्फ पारंपरिक खेती नहीं कर रहे, बल्कि बागवानी फसलों की खेती करके भी अच्छा मुनाफा हासिल कर रहे हैं. वहीं, बिहार सरकार भी ऐसे किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग फलों की खेती को लेकर योजनाएं चला रही है. इसी क्रम में राज्य की नीतीश सरकार स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए सब्सिडी दे रही है. इस योजना को 'स्ट्रॉबेरी विकास योजना' नाम दिया गया है, जिसमें 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है.
योजना में सामान्य वर्ग से 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति से 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति से 1.44 प्रतिशत लाभार्थियों को अवसर दिया जाएगा. वहीं, हर श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं को जगह दी जाएगी. योजना के तहत स्ट्राॅबेरी की खेती पर प्रति हेक्टेयर इकाई लागत 8 लाख 40 हजार रुपये तय है, जिसपर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. ऐसे में किसान को 3 लाख 36 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर सब्सिडी का लाभ मिलेगा.
इस योजना के तहत राज्य के 20 जिलों- गोपालगंज, सारण, सुपौल, औरंगाबाद, बेगूसराय, जहानाबाद, लखीसराय, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चम्पारण, पटना, पूर्वी चम्पारण, गया, कटिहार, किशनगंज, मुंगेर, पूर्णिया, समस्तीपुर और वैशाली में स्ट्रॉबेरी की खेती का विस्तार किया जाएगा. योजना के तहत कम से कम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) भूमि और अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) के लिए का लाभ दिया जाएगा. योजना के तहत स्ट्रॉबेरी के क्षेत्र विस्तार के लिए पौधा और स्ट्रॉबेरी की पैकेजिंग के लिए कुट का डिब्बा और प्लास्टिक का छोटा डिब्बा दिया जाएगा.
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योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्ट्रॉबेरी के पौध रोपण सामग्री, कुट का डिब्बा, प्लास्टिक का छोटा डिब्बा की आपूर्त्ति के लिए ई-टेंडर निकाला जाएगा और एजेंसी का चयन किया जाएगा. योजना के तहत कुट का डिब्बे के लिए इकाई लागत 11 रुपये पर प्रति पीस पर 40 प्रतिशत सब्सिडी यानी 4.40 रुपये कम पर उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं, प्लास्टिक के छोटे डिब्बे के लिए इकाई लागत 2.50 रुपये प्रति पीस पर 40 प्रतिशत सब्सिडी यानी 1 रुपये कम कीमत पर उपलब्ध कराए जाएंगे.
इच्छुक किसान को भूमि के मालिकाना हक का प्रमाण पत्र या दो वर्ष पहले से अपडेट राजस्व रसीद या ऑनलाइन अपडेट रसीद या वंशावली के आधार पर विधि मान्य भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र या गैर रैयत जमीन पर खेती के लिए एकरारनामा (कॉन्ट्रैक्ट) में से कोई भी एक दस्तावेज जमा करना अनिवार्य है. अगर आवेदक करने वाले का नाम भूमि स्वामित्व या राजस्व रसीद में साफ नहीं है तो भूमि स्वामित्व या राजस्व रसीद के साथ वंशावली लगाना ही होगी नहीं तो आवेदन रद्द हो जाएगा.
योजना के तहत लाभार्थी किसान के खाते में डीबीटी के तहत सीधे खाते में सब्सिडी की राशि भेजी जाएगी. इसके लिए आवेदन से पहले ही डीबीटी में रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी की जांच कर लें. नियम के अनुसार, डीबीटी के तहत सीएफएमएस द्वारा भुगतान किया जाएगा. इच्छुक किसान बिहार सरकार की उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
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