राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) के पहले चेयरमैन मीनेश शाह ने कहा है कि 'भारत ऑर्गेनिक' ब्रांड के प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध दूसरी निजी कंपनियों के जैविक उत्पादों से काफी सस्ते और विश्वसनीय होंगे. अभी मदर डेयरी के जरिए दिल्ली के 150 आउटलेट पर मिलने शुरू हुए हैं, जबकि आने वाले दिनों में अमूल, नफेड, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड, एनसीसीएफ (भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) और एनसीडीसी (राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम) के नेटवर्क के जरिए पूरे देश में इसका विस्तार होगा. आने वाले समय में किसानों के ऑर्गेनिक उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में उपभोक्ता मामले विभाग की आवश्यकता रहेगी. सेहत से जुड़े मुद्दों की वजह से ऑर्गेनिक उत्पादों का बाजार बढ़ रहा है, ऐसे में ऐसी खेती से जुड़े किसानों को बहुत फायदा होने वाला है.
दिल्ली के नास कांप्लेक्स में आयोजित एनसीओएल के लॉन्चिंग प्रोग्राम में शाह ने कहा कि FSSAI के जरिए ऑर्गेनिक उत्पादों के प्रोडक्शन और मार्केटिंग के लिए जरूरी लाइसेंस, टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन का काम आगे बढ़ेगा. हमारे प्रधानमंत्री ने देश में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के गैर ज़िम्मेदारी से उपयोग और उनके द्वारा मिट्टी के स्वास्थ्य को पहुंच रहे नुकसान पर चिंता प्रकट की थी और देश को जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने का संकल्प दिया था. इस कड़ी में इस कंपनी की स्थापना अहम है. AMUL ब्रांड के अंतर्गत भी जैविक उत्पाद बेचे जाएंगे.
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शाह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा अपने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. जिससे जैविक बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है. आज उपभोक्ता अपने खाद्य पदार्थो में गुणवत्ता और सुरक्षा के प्रति पहले से कहीं ज्यादा सजग हैं. हमारे लिए यह एक अवसर है क्योंकि विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों के साथ भारत में डेयरी सहित विभिन्न कृषि उत्पादों के जैविक उत्पादन में अग्रणी बनने की पूरी क्षमता है. यह एक ऐसा अवसर है जिसके बहुत सारे सामाजिक, आर्थिक और इकोलॉजिकल फायदे हैं.
शाह नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के सीएमडी भी हैं. उन्होंने कहा कि जैविक खेती के प्रोत्साहन से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ किसानों की आजीविका में सुधार करने और हानिकारक रसायनों के प्रयोग को खत्म करने में भी मदद मिल रही है. साथ ही साथ ऐसी खेती से ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन भी कम होता है. मिट्टी, पर्यावरण और जल संरक्षण को भी प्रोत्साहन मिलता है. राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड के गठन से ऑर्गेनिक क्षेत्र से जुड़े सभी पक्षों को उनकी विशेषज्ञता के साथ एक प्लेटफार्म पर लाना संभव हो पाया है. जिससे सहकारिता के माध्यम से प्रमाणित एवं वास्तविक जैविक उत्पादों के उत्पादन, वितरण एवं मार्केटिंग को बढ़ावा दिया जा सकेगा.
शाह ने कहा कि बहरहाल, राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड जैविक खेती के माध्यम से जीवन और जमीन दोनों को सुदृढ़ करने और हमारे किसानों की आय को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. यह ऐतिहासिक पहल है. जैविक उर्वरकों के उत्पादन के लिए वाराणसी में एक गोबर आधारित बायोगैस संयंत्र स्थापित किया गया है. इसके अंतर्गत 2000 क्यूबिक मीटर के दो bio-digester लगाए गए हैं, जिससे प्राप्त ऊर्जा से प्रतिदिन 1.5 लाख लीटर दूध को प्रोसेस किया जा रहा है और जैविक खाद भी किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है. इसी के तहत “सरदार सुधन” ब्रांड के जैविक खाद का लोकार्पण किया गया है.
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