KCC: क‍िसान क्रेड‍िट कार्ड पर संसद में सरकार ने द‍िया बड़ा बयान, क‍िसानों को कैसे म‍िलेगा फायदा

KCC: क‍िसान क्रेड‍िट कार्ड पर संसद में सरकार ने द‍िया बड़ा बयान, क‍िसानों को कैसे म‍िलेगा फायदा

लोन लिमिट में बढ़ोत्तरी से किसानों को कृषि और इससे जुड़े कार्यों में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. मुख्य रूप से छोटे और सीमांत किसानों को लाभ मिलेगा. 

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KCC: क‍िसान क्रेड‍िट कार्ड पर संसद में सरकार ने द‍िया बड़ा बयान, क‍िसानों को कैसे म‍िलेगा फायदालोन लिमिट में बढ़त से किसानों को कृषि कार्यों के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.

बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत लोन लिमिट में बढ़ोत्तरी की घोषणा करने के बाद अब सरकार केसीसी के तहत किसानों को जमानत मुक्त लोन (collateral free loan) सेक्शन की सीमा को 1.6 लाख से बढ़ाकर 2 लाख करने की संभावना है. डेयरी और पोल्ट्री किसानों के लिए लोन लिमिट को भी बढ़ाकर 5 लाख किया जा सकता है. लोन लिमिट में बढ़ोत्तरी से किसानों को कृषि और इससे जुड़े कार्यों में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. मुख्य रूप से छोटे और सीमांत किसानों को लाभ मिलेगा. 

लोन लिमिट बढ़ाने के प्रस्ताव को पहले ही मिल चुकी मंजूरी

बैंकिंग सोर्स ने कहा कि वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के तहत अंतर मंत्रालयी समिति ने लोन लिमिट बढ़ाने के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी है. हालांकि, सरकार बैंकों के लिए कोई व्यावसायिक निर्णय नहीं ले सकती है इसलिए मामले को भारतीय रिजर्व बैंक को दिशानिर्देश के रूप में रखने के लिए भेजा गया है. 1 फरवरी को अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केसीसी 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को शॉर्ट टर्म लोन की सुविधा मिलती है. संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) के तहत लोन लिमिट को KCC के जरिए लिए गए लोन के लिए 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाएगा.

कृषि लोन पर किसानों को मिलती अतिरिक्त सब्सिडी 

केंद्र शॉर्ट टर्म क्रॉप लोन के तहत सब्सिडी के रूप में ब्याज राशि का 2 फीसदी वहन करता है. एक साल के भीतर जल्दी रीपेमेंट करने पर किसानों को अतिरिक्त 3 फीसदी सब्सिडी (MISS के तहत) दी जाती है. इससे प्रभावी रूप से लोन ब्याज दर 4 फीसदी हो जाती है. कुछ राज्य किसानों को केंद्रीय सहायता के अलावा ब्याज दर पर और अधिक सब्सिडी देने की घोषणा करते हैं. 

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन के वित्तीय मदद बढ़ेगी

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने कहा कि लोन लिमिट बढ़ाने से कृषि में क्रेडिट की उपलब्धता बढ़ेगी और गैर संस्थागत लोन पर निर्भरता कम होगी. इस घोषणा से 3 लाख तक के केसीसी लोन वाले किसानों को 15 लाख तक की बड़ी केसीसी रियायती लोन लिमिट पाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन जैसी गतिविधियों के लिए वर्किंग कैपिटल लोन के लिए सब्सिडी वाले ब्याज का लाभ वित्त वर्ष 2019 से उपलब्ध है.

बजट घोषणा से 80 लाख किसानों को लाभ मिलेगा

नागराजू ने कहा कि लोन लिमिट में बढ़ोत्तरी से किसानों को कृषि और इससे जुड़े कार्यों में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. मुख्य रूप से छोटे और सीमांत किसानों को लाभ मिलेगा. वर्तमान में लगभग 11 फीसदी केसीसी खातों में 3 लाख से अधिक लोन के साथ केसीसी ऑपरेटिव हैं. इसलिए बजट घोषणा से 80 लाख से अधिक किसानों को तत्काल लाभ मिलेगा. 

सरकार ने लोन टारगेट भी बढ़ाया

30 सितंबर 2024 तक कुल ऑपरेटिव केसीसी खातों की संख्या 7.72 करोड़ थी, जिनकी कुल बकाया राशि 9.99 लाख करोड़ थी. वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ऑपरेटिव केसीसी लोन राशि को बढ़ाकर 11 लाख करोड़ से अधिक करने का अनुमान है. 2023-24 में एग्रीकल्चर लोन टारगेट को पार करने के बाद सरकार ने वित्त वर्ष 2025 के लिए टारगेट को काफी हद तक बढ़ाकर 27.5 लाख करोड़ कर दिया है, जिसमें 16 लाख करोड़ वर्किंग कैपिटल क्रॉप लोन और 11.5 लाख करोड़ टर्म लोन शामिल हैं. टोटल टारगेट के तहत संबद्ध क्षेत्र के लिए 4.2 लाख करोड़ का अलग टारगेट तय किया गया है. 

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