इस योजना के माध्‍यम से किसानों और उद्योगों के बीच बनेगा संपर्क, क्‍लस्‍टर से जुड़े किसानों मिलेंगे ये फायदे

इस योजना के माध्‍यम से किसानों और उद्योगों के बीच बनेगा संपर्क, क्‍लस्‍टर से जुड़े किसानों मिलेंगे ये फायदे

मांग आधारित फसल उत्पादन और किसानों को बेहतर रिटर्न देने का उद्येश्‍य पूरा करने के लिए केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. सरकार कृषि मूल्य शृंखला विकास के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपीएवीसीडी) कार्यक्रम को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर लागू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करेगी.

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कृषि और उद्योगों के बीच पुल बनेगी ये योजना, क्‍लस्‍टर से जुड़े किसानों को मिलेंगे ये फायदेकेंद्र की योजना से किसान और उद्योगों में बनेगा संपर्क. (सांकेतिक तस्‍वीर)

मांग आधारित फसल उत्पादन और किसानों को बेहतर रिटर्न के उद्देश्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार जल्‍द ही एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. केंद्र सरकार कृषि मूल्य शृंखला विकास के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपीएवीसीडी) कार्यक्रम को ऑल इंडिया लेवल पर पर लागू करने में मदद के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करेगी. ‘बिजनेसलाइन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक सिर्फ कुछ राज्यों ने पीपीपीएवीसीडी मोड में प्रोजेक्‍ट्स को लागू किया है. यही वजह है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इस पर खास ध्यान दे रहा है और अब इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रभाग से निवेश प्रभाग में ट्रांसफर कर दिया है. योजना के तहत किसानों के क्‍लस्‍टर भी बनाए जाएंगे.

योजना की सफलता पर सवाल! 

एग्री इंफ्रा फंड योजना से अच्‍छे परिणाम आने के बाद सरकार पीपीपीएवीसीडी को भी इसी तरह आगे बढ़ाने का प्रयास करेगी. हालांकि, एक्‍सपर्ट के मुताबि‍क इसकी सफलता राज्‍य सरकार के हित पर निर्भर होगी, क्योंकि राज्यों को कृषि उपज की मार्केटिंग जैसे मुद्दों पर फैसाल लेना होगा. 20 सालों तक एग्री मार्केटिंग संभालने वाले एक एक्‍सपर्ट ने कहा कि जब तक राज्य उद्योग को सीधे कच्चा माल खरीदने की छूट नहीं देते हैं तब तक कोई भी निजी क्षेत्र पीपीपीएवीसीडी के अंतर्गत शामिल होने में रुच‍ि क्यों लेगा? 

इन चुनौतियों से होंगे पार

हालांकि, फूड प्रोसेसिंग सेक्‍टर में क्‍वालिटीफुल कच्चे माल की सप्‍लाई और समय पर और लगातार उपलब्धता जैसी चुनौति‍यों के कारण निजी क्षेत्र में कुछ लोगों ने इस तरह की भागीदारी में रुचि दिखाई है. पीपीपीएवीसीडी मोड को लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि निजी क्षेत्र के लिए कोई वित्तीय प्रोत्साहन नहीं होगा और उन्हें केवल यही लाभ मिलेगा कि वे अपनी यूनिट के आसपास ही गुणवत्तापूर्ण कच्चा माल सप्‍लाई कर सकेंगे. वहीं, इस इन‍िश‍िएटिव से जुड़ने पर किसानों को बहुत फायदा होगा, क्‍योंकि उन्हें डोर स्‍टेप पर विभिन्न सरकारी योजनाएं का लाभ देकर हर संभव मदद की जाएगी.

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बनाएं जाएंगे किसानों के क्‍लस्‍टर

पीपीपीएवीसीडी के अंतर्गत 500 से 10 हजार किसानों के क्लस्टर बनाए जाएंगे. इन क्‍लस्‍टरों से जुड़े किसानों को नई तकनीक, नए सिस्‍टम तक पहुंच आसानी से मिलेगी. साथ ही वित्तीय योजनाओं का लाभ डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा.

उद्योग चैंबर फिक्की मूल्य श्रृंखला दृष्टिकोण पर आधारित बड़े पैमाने पर एकीकृत परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए एक प्रोजेक्‍ट मॉनीटरिंग यूनिट (पीएमयू) पीपीपीएवीसीडी कार्यक्रम चला रहा है. इसका ध्‍यान मुख्य तौर पर दालों, तिलहन, मक्का, बाजरा और बागवानी उत्पादों पर होगा, जबकि धान और गेहूं को कार्यक्रम के दायरे से बाहर रखा गया है.

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