फसलों पर दवा छिड़काव के लिए मिल रही 50 फीसदी सब्सिडी, तुरंत उठाएं लाभ 

फसलों पर दवा छिड़काव के लिए मिल रही 50 फीसदी सब्सिडी, तुरंत उठाएं लाभ 

ड्रोन के माध्यम से दवा का छिड़काव करने के इच्छुक किसान कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करते समय जमीन का रकबा, फसल का प्रकार, जमीन की रसीद और आधार कार्ड देना होगा.

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फसलों पर दवा छिड़काव के लिए मिल रही 50 फीसदी सब्सिडी, तुरंत उठाएं लाभ ड्रोन के जरिए कीटनाशकों का छिड़काव

खेतों में फसल को बर्बाद होने से बचाव करने के लिए ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव होगा. कीट-व्याधियों से परेशान किसानों के लिए अच्छी खबर है. पहली बार फसल सुरक्षा योजना में ड्रोन के माध्यम से फसलों पर कीटनाशकों के छिड़काव की सुविधा को शामिल किया गया है. बिहार सरकार किसानों को कीटनाशक छिड़काव के लिए प्रति एकड़ 50 प्रतिशत राशि देगी. कीटनाशकों के छिड़काव के लिए सेवा प्रदाता एजेंसी का चयन कर लिया गया है. आवेदन प्रक्रिया 15 जनवरी से शुरू हो गयी है. इससे रैयतों के साथ-साथ गैर रैयत किसानों को भी फायदा होगा. इसके लिए किसानों को आवेदन करते समय शपथ पत्र या पंचायत प्रतिनिधि का अनुशंसा पत्र देना होगा. योजना के तहत एक किसान कम से कम एक एकड़ और अधिकतम 10 एकड़ में ड्रोन से छिड़काव कर सकता है.

कितनी मिलेगी सब्सिडी?

ड्रोन के जरिए दवा का छिड़काव करने पर किसानों को प्रति एकड़ 480 रुपये का खर्च आएगा. सरकार इस पर 50 फीसदी यानी 240 रुपये सब्सिडी देगी, जबकि बाकी 240 रुपये किसान को चुकाने होंगे. साथ ही किसान को दवाइयां भी उपलब्ध करानी होगी. शर्त यह भी है कि किसान को कृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसित नहीं किए गए कीटनाशकों का उपयोग करना होगा. किसान दलहन, तिलहन, आलू, मक्का, गेहूं और अन्य फसलों पर कीट प्रबंधन के लिए ड्रोन का उपयोग कर सकते हैं. योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत हैं.

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आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

ड्रोन के माध्यम से दवा का छिड़काव करने के इच्छुक किसान कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करते समय जमीन का रकबा, फसल का प्रकार, जमीन की रसीद और आधार कार्ड देना होगा. कृषि समन्वयक, पौधा संरक्षण कर्मी, प्रखंड तकनीकी एवं सहायक प्रबंधक प्राप्त आवेदनों का सत्यापन करेंगे, जबकि चयनित एजेंसी ड्रोन के माध्यम से दवा का छिड़काव करेगी. मशीनों से छिड़काव करने में अधिक पानी, श्रम और पूंजी की आवश्यकता होती है, जबकि ड्रोन से छिड़काव करने से किसानों के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. इतना ही नहीं किसानों को शारीरिक श्रम भी नहीं करना पड़ेगा. साथ ही एक एकड़ में छिड़काव का काम बहुत ही कम समय और मात्र 8 से 10 लीटर पानी में पूरा हो जाएगा.

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