महाराष्ट्र के किसानों के लिए खुशखबरी है. अब उन्हें फसल बीमा कराने के लिए ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उनका फसल बीमा लगभग मुफ्त में हो जाएगा. यहां मुफ्त इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि किसान अपनी फसलों का बीमा महज एक रुपया में करा सकेंगे. महाराष्ट्र की सरकार ने इसके लिए नई स्कीम शुरू की है. किसानों को फसल बीमा के लिए एक रुपया देना होगा जबकि महाराष्ट्र सरकार किसानों के प्रीमियम का दो परसेंट हिस्सा खुद भरेगी. महाराष्ट्र कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है. अलबत्ता, यह फैसला मार्च में जरूर लिया गया था, लेकिन इस पर मुहर मंगलवार को लगाई गई है. अब यह नियम किसानों के लिए अमल में आ गया है.
किसानों के हित में महाराष्ट्र कैबिनेट ने एक और बड़ा फैसला किया है. कैबिनेट ने एक ऐसे मॉडल को मंजूरी दी है जो इंश्योरेंस कंपनियों की मुनाफाखोरी पर रोक लगाएगी. इस मॉडल के जरिये बीमा कंपनियों के मुनाफे की ऊपरी सीमा निर्धारित की जाएगी. यानी बीमा कंपनी एक लिमिट से अधिक फसल बीमा से मुनाफा नहीं कमा सकेगी.
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) देवेंद्र फडणवीस ने इस बारे में बताया, किसान अब मात्र एक रुपया देकर अपने फसल बीमा के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. इसमें किसान को किसी तरह का प्रीमियम नहीं देना होगा.
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फडणवीस ने एक और अहम जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में 'नमो शेतकरी महासम्मान निधि' को मंजूरी दी है. इस स्कीम में महाराष्ट्र के तकरीबन एक करोड़ किसानों को हर साल 6,000 रुपये का फंड दिया जाएगा. यह फंड केंद्र के उस छह हजार से अतिरिक्त होगा जो पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत दिया जाता है. इस तरह महाराष्ट्र के लगभग एक करोड़ किसान हर साल 12,000 रुपये की राशि पाएंगे. इसमें छह हजार महाराष्ट्र सरकार और छह हजार केंद्र सरकार से मिलेगी.
महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि किसानों के खाते में हर साल 12,000 रुपये ऑनलाइन जमा होंगे. जिस तरह केंद्र की पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम में साल में तीन बार 2000-2000 रुपये की किस्त दी जाती है. ठीक वैसे ही महाराष्ट्र सरकार भी किसानों को साल में तीन किस्तों में छह हजार रुपये जारी करेगी. इसके लिए सरकार ने साल 2023-24 के लिए 6900 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है. 'टाइम्स ऑफ इंडिया' ने एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है.
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महाराष्ट्र कैबिनेट ने एक और अहम फैसला लिया है. सरकार ने तय किया है कि अगले तीन साल में प्रदेश में 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ऑर्गेनिक फार्मिंग की जाएगी ताकि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा सके. प्रदेश में पहले से डॉ. पंजाबराव देशमुख ऑर्गेनिक फार्मिंग मिशन चलाया जा रहा है जिसे और बढ़ाया जाएगा. इसके तहत प्रदेश में 1,000 बायो-इनपुट सोर्स सेंटर स्थापित किए जाएंगे.
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