Farmer Business loan: एमपी के किसान करेंगे फूड प्रोसेसिंग का कारोबार, सूक्ष्म उद्योग लगाने के लिए सरकार ने दिया लोन

Farmer Business loan: एमपी के किसान करेंगे फूड प्रोसेसिंग का कारोबार, सूक्ष्म उद्योग लगाने के लिए सरकार ने दिया लोन

किसानों को कारोबारी बनाने के लिए केंद्र सरकार की पहल पर राज्य सरकारें ग्रामीण इलाकों में किसानों एवं स्वयं सहायता समूहों को खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में छोटी इकाइयां लगाने के वित्तीय सहायता प्रदान कर रही हैं. इस क्रम में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में 1772 Micro Food Processing Units स्थापित करने के लिए किसानों और उनके समूहों काे अनुदान देने हेतु चुना है.

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Farmer Business loan: एमपी के किसान करेंगे फूड प्रोसेसिंग का कारोबार, सूक्ष्म उद्योग लगाने के लिए सरकार ने दिया लोनएमपी में सरकार की मदद से ग्रामीण इलाकों में लगेंगी माइक्रो फूड प्रोसे‍सिंग यूनिट, फोटो: साभार, फ्रीपिक

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि एमपी में ग्रामीण इलाकों में Food Processing के क्षेत्र में सूक्ष्म उद्योग की 1772 इकाइयां जल्द काम करने लगेंगी. इन इकाइयों के लिये 'प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना' के तहत राज्य सरकार ने कि‍सानों और उनके समूहों को इस योजना का हितग्राही के रूप में चयन काे स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसके अंतर्गत हितग्राहियों को बैंकों के माध्यम से ऋण दिया जाएगा. राज्य सरकार इस पर अनुदान के रूप में हितग्राहियों की मदद करेगी. इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कृष‍ि उत्पादों के खाद्य प्रसंस्करण की Micro Units लगाने के लिए किसानों एवं उनके समूहों को बतौर हितग्राही चुना गया है.

ग्वालियर में लगेंगी सबसे ज्यादा यूनिट

सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक  'प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना' के तहत राज्य सरकार को सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने के लिए 10,664 आवेदन मिले थे. आवेदनों का परीक्षण करने के बाद 1772 को ऋण देने के योग्य पाया गया. शेष आवेदनों पर विभिन्न स्तरों पर विचार किया जा रहा है.

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योजना में मिलने वाले लाभ

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्य सरकार की भागीदारी के साथ खाद्य प्रसंस्करण के सूक्ष्म उद्योग से ग्रामीणों को जोड़ने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता देने के मकसद से यह योजना शुरू की है. इसमें हितग्राहियों को सरकार द्वारा कौशल प्रशिक्षण, खाद्य सुरक्षा मानकों एवं स्वच्छता के संबंध में तकनीकी जानकारी देने के साथ गुणवत्ता सुधार के गुर भी सिखाए जाते हैं. इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक लोगों को बैंक ऋण एवं डीपीआर तैयार करने में भी मदद दी जाती है. इसमें निजी तौर पर यूनिट स्थापित करने के अलावा कृषक उत्पादक संगठनों यानी FPO और स्वयं सहायता समूहों को भी पूंजी निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर तथा ब्रांडिंग और मार्केटिंग में सहायता दी जा रही है.

इसके तहत व्यक्तिगत रूप से स्थापित होने वाली यूनिट में 35 प्रतिशत पूंजी पर क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ मिलता है. इस योजना में लाभार्थी को अधिकतम 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती है. इसकी कुल पूंजी में लाभार्थी का योगदान मात्र 10 प्रतिशत ही होता है. बाकी राशि बैंक लोन के रूप में निवेश की जाती है. इस योजना में एफपीओ एवं स्वयं सहायता समूहों को वर्किंग कैपिटल उपलब्ध कराने का भी प्रावधान है. इसमें एक जिला-एक उत्पाद योजना यानी ODOP में चुने जाने वाले उत्पादों की प्रसंस्करण इकाई लगाने को प्राथमिकता दी जाती है.

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केंद्र सरकार ने की एमपी की तारीफ

राज्य सरकार ने बताया कि इस योजना से ग्रामीण इलाकों में हो रहे लाभ एवं हितग्राहियों के प्रदर्शन के बारे में केन्द्र सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की है. एमपी में इस योजना के बेहतर परिणाम मिलने का दावा करते हुए राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार की रिपोर्ट में खाद्य प्रसंस्करण की सर्वश्रेष्ठ सूक्ष्म इकाइयों की एक सूची का भी जिक्र है. इसमें एमपी के बैतूल जिले के जमुना स्वयं सहायता समूह की सफलता का उल्लेख किया गया है.

एमपी सरकार द्वारा इस समूह के सदस्यों को खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया गया. यह समूह आम का अचार बनाने की यूनिट का सफल संचालन कर रहा है. इससे समूह को होने वाले लाभ से ही समूह संचालक ने जैविक कीटनाशक बनाना शुरू किया. इसमें नीमास्त्र, दशपर्णी अर्क और जीवामृत मुख्य कीटनाशक बनाकर समूह के सभी सदस्यों की आय में इजाफा हुआ है.

गौरतलब है कि 2021 में भी जबलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय ने इस समूह की संचालक सदस्य लक्ष्मी परते को उत्कृष्ट महिला सम्मान से नवाजा था. इस समूह की एक अन्य सदस्य ममता धुर्वे को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के बैतूल स्थित किसान विज्ञान केंद्र ने वर्ष 2020-21 में सर्वश्रेष्ठ महिला कृषक का सम्मान दिया था.

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