मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने "मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना" के तहत राज्य के 𝟖𝟓 लाख से अधिक किसानों को ₹𝟏𝟕𝟎𝟒 करोड़ की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से जारी की. इस योजना में प्रदेश के किसानों को 2000 रुपये की किस्त दी जाती है. जिस तरह पीएम किसान सम्मान निधि की तरह केंद्र सरकार पैसा जारी करती है, उसी तरह सीएम किसान निधि में भी प्रदेश सरकार राशि जारी करती है.
केंद्र की पीएम किसान सम्मान निधि योजना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डीबीटी के जरिये किसानों केखाते में 2000 रुपये की तीन किस्त जारी करते हैं. उसी तरह मध्य प्रदेश सरकार भी साल में तीन किस्तों में 6000 रुपये जारी करती है. इस योजना के तहत बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस वित्त वर्ष की पहली किस्त का पैसा जारी कर दिया. किसानों के खाते में 1704 करोड़ रुपये जारी किए गए.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने धार जिले के उमरबन में एक प्रोग्राम में 85 लाख से अधिक किसानों के खाते में 1704 करोड़ रुपये जारी किए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में होने वाले कृषि मेले की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा, प्रत्येक संभाग में कृषि मेले लगाए जाएंगे. किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से होने वाले यह आयोजन उन्नत कृषि तकनीकों, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों और कृषि में सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित होंगे.
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मुख्यमंत्री ने कहा, आगामी 3 मई को मंदसौर जिले में वृहद कृषि मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें उन्नत कृषि यंत्र, बीजों के प्रकार, आधुनिकतम यंत्र, खेती की उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन होगा. किसान कल्याण योजना के अलावा मुख्यमंत्री ने सीएम संबल योजना के तहत 27523 श्रमिकों को 600 करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक पर ट्रांसफर की. सीएम योजना की तरह सीएम संबल योजना श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जाती है.
एक दिन पहले मध्य प्रदेश कैबिनेट ने एक बड़े फैसले में कहा था कि जिन किसानों को पराली जलाते पकड़ा जाएगा, उन्हें सीएम किसान निधि योजना का लाभ नहीं मिलेगा. ऐसे किसानों को प्रशासन की तरफ से ये भी चेतावनी मिल चुकी है कि पराली जलाने पर पकड़े जाने पर फसलों को एमएसपी पर नहीं खरीदा जाएगा. यानी ऐसे किसान एमएसपी स्कीम का लाभ भी नहीं ले पाएंगे. सरकार ने प्रदेश में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए यह फैसला किया है.
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