पर्यटन के मामले में एमपी ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपना रुतबा कायम किया है. प्राकृतिक सौंदर्य से भरे एमपी के गांव दुनिया भर के सैलानियों को लुभा रहे हैं. इस बात की पुष्टि शुक्रवार को विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर हुई, जब Tourism Ministry ने राज्य के 3 गांवों (लाडपुरा खास, साबरवानी और प्राणपुर) को अलग अलग श्रेणी में Best Tourist Village के तमगे से नवाजा है. इन गांवों में MP Govt के सहयोग से गांव वाले देश दुनिया के पर्यटकों को अपने खेत में बने Home Stay के माध्यम से Local Art and Culture और खान पान से अपनी माटी की ओर आकर्षित कर रहे हैं. गौरतलब है कि एमपी सरकार ने ग्राम पर्यटन योजना के माध्यम से गांव वालों को आय का अतिरिक्त स्रोत मुहैया कराया है. सरकार के सहयोग से राज्य के ग्रामीण अंचल में किसान अपने खेत, खलिहान में ही होम स्टे बनाकर सैलानियों को प्रकृति की गोद में सुकून के दो पल बिताने का अवसर मुहैया करा रहे हैं. सरकार ने इस काम को बखूबी निभा रहे एमपी के किसानों को सही मायने में भारत की ग्रामीण संस्कृति का Brand Ambassadors बताया है.
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से दिल्ली में विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर आयोजित राष्ट्रीय समारोह में उन व्यक्तियों एवं समूहों को सम्मानित किया गया जो देश में पर्यटन को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. इस क्रम में ग्राम पर्यटन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई. केंद्र सरकार द्वारा तय मानकों को पूरा करने वाले गांवों को इस प्रतियोगिता के विजेता के रूप में सम्मानित किया गया.
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MP Tourism Board की अपर प्रबंध संचालक बिदिशा मुखर्जी ने इन गांवों के ग्राम प्रतिनिधियों के साथ यह सम्मान ग्रहण किया. सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक संपदा को संरक्षित रखते हुए समुदाय आधारित मूल्यों तथा जीवन शैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की जाती है. इस साल प्रतियोगिता में देश भर से कुल 900 गांवों ने हिस्सा लेकर सर्वश्रेष्ठ बनने की दावेदारी पेश की थी. इनमें से सर्वश्रेष्ठ पर्य़टन ग्राम के लिये विभिन्न श्रेणियों में 36 गांवों का चयन किया गया है.
इस साल सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम के रूप में चुने गए एमपी के 3 गांवों में से दो गांव Bundelkhand Region के हैं. इनमें प्राणपुर गांव अशोकनगर जिले में हथकरघा से बनने वाली साड़ियों के लिए मशहूर चंदेरी ब्लॉक में स्थित है. जबकि लाडपुरा खास गांव, निवाड़ी जिले में राम राजा नगरी के रूप में मशहूर ओरछा तहसील में मौजूद है.
गौरतलब है कि चंदेरी से 4 किमी दूर स्थित प्राणपुर गांव को देश के पहले Craft Handloom Tourism Village के रूप में विकसित किया गया है. इस गांव में बुनकरों के लगभग 243 घरों में हथकरघा से साड़ी बनाने का काम सदियों से किया जा रहा है. गांव में लगभग 550 हथकरघा पर लगभग 900 बुनकर चंदेरी शैली के कपड़े बनाते हैं.
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इस गांव में देश दुनिया के सैलानी हथकरघा के लिए मशहूर चंदेरी शैली का दीदार करने आते हैं. इससे उपजी पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए गांव वालों ने होम स्टे के माध्यम से सैलानियों को बुंदेलखंड की खास ग्राम संस्कृति से भी रूबरू कराने का सफल प्रयोग किया है.
इसी प्रकार निवाड़ी जिले में ओरछा से महज 5 किमी दूर स्थित लाड़पुरा खास गांव को MP Tourism Board के Responsible Tourism Mission के तहत पहला पर्यटन ग्राम बनने का गौरव प्राप्त है. इस गांव में Hill View Home Stay का संचालन कर रही उमा पाठक ने 10 साल पहले इस गांव में पर्यटन की संभावनाओं को टटोला था. अब इस गांव में होम स्टे की पूरी चेन बन चुकी है, जिसके माध्यम से यह गांव देश दुनिया से आने वाले मेहमानों को बेहतरीन बुंदेली संस्कृति और परंपराओं से अवगत करा रहा है.
वहीं, छिंदवाड़ा जिले की तामिया तहसील में बसा सबरवानी गांव समृद्ध गोंड जनजाति की संस्कृति को दर्शाता है. सतपुड़ा National Park के बफर जोन से घिरा यह गांव शांत वातावरण, पक्षियों की प्रचुर प्रजातियों और प्रकृति के मनोरम नजारों से परिपूर्ण है. यहां एमपी टूरिज्म बोर्ड द्वारा 9 होमस्टे तैयार किये जा चुके हैं. इस गांव में आने वाले सैलानी Village Walk, Natural Farming, बैलगाड़ी की सवारी, मछली पकड़ना, पक्षी देखने, और साइकिल चलाने सहित अन्य गतिविधियों का आनंद लेते हैं। मक्के की रोटी, चने की भाजी और चना दाल जैसे स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ़ उठाते हैं.
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