ओडिशा में नई फसल कटने के बाद उसे पहली बार खाने का त्योहार नुआखाई जुहार के मौके पर राज्य के किसानों राज्य सरकार की तरफ से भी त्योहार का तोहफा मिला है. किसानों को आर्थिक सहायता देते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री ने आजीविका और आय संवर्धन योजना के तहत किसानों की सहायता करने के लिए कालिया योजना के तहत राज्य के 45 लाख किसानों के खाते में 900 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की. इससे लाभुकों में काफी खुशी है. इसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि कालिया योजना के तहत राज्य के 44.56 लाख लाभार्थियों के खाते में दो-दो हजार रुपये की राशि का भुगतान किया गया.
राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक मे वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से एक समारोह के जरिए किसानों की धनराशि को ट्रांसफर किया. इसके तहत राज्य के 43,88,000 छोटे और सीमांत किसानों के अलावा 68,750 भूमिहीन किसानों के खाते में यह धनराशि वितरित की गई. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि राज्य का प्रत्येक किसान राज्य के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे और सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ अपना जीवन व्यतीत करें. 'द न्यू इंडिया एक्सप्रेस' के मुताबिक कालिया योजना के तहत अब तक राज्य सरकार ने किसानों के खाते में 12,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. इतना ही नहीं राज्य सरकार कालिया सहायता प्राप्त करने वाले किसानों के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति भी प्रदान कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि चाहते हैं किसानों के बच्चे भी अच्छी तरह से शिक्षित हों और सिर्फ किसान ही नहीं डॉक्टर और इंजीनियर के रुप में कार्य करके राज्य और देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाएं. इस तरह से वे अपना और अपने परिवार कानाम रोशन करेंगे. साथ ही उन्होंने कह कि सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की हैं. किसानों को राहत पहुंचाते हुए सरकार फसल बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान भी कर रही है. इस वर्ष 22 लाख से अधिक किसान फसल बीमा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि किसानों को राहत देने के मकसद से राज्य सरकार छोटे और भूमिहीन किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक और कृषि उपकरण खरीदने के लिए भी वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है. वहीं मौके पर मौजूद राज्यके कृषि मंत्री रणेंद्र प्रताप स्वैन ने कहा कि कालिया योजना के कारण किसानों को अब साहुकारों से या सूदखोरों से ऊंची ब्याज दर पर लोन या उधार नहीं लेना प़डता है.
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