झारखंड में इस बार गंभीर सूखे की चपेट में हैं. राज्य के 24 में से 22 जिलों में सूखाड़ घोषित किया गया है. किसानों को सूखे से राहत दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सुखाड़ योजना (Mukhyamatri Sukhad Rahat Yojana 2022) चलाई जा रही है. इसके जरिए किसानों को आर्थिक सहायता दिए जाने का एलान किया गया है. ताकि किसानों को अगली फसल के लिए खेती करने में आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े और खेती करने के लिए वो खाद और बीज की खरीदारी कर सकें. इस खबर में आपको बताएंगे की कि किस प्रकार से किसान भाई इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
झारखंड में रहने वाले वैसे किसान जिन्होंने इस साल धान की बुवाई की थी या बारिश की कमी के कारण नहीं कर पाए थे वौ किसान आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने के लिए किसानों को अपने पंचायत से संबंधित प्रज्ञा केंद्र या सीएससी में जाना होगा. यहां पर जाकर किसान अपने जमीन की रसीद और आधार कार्ड देकर योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने के लिए किसानों को प्रज्ञा केंद्र से फॉर्म लेना होगा जिसे भरने के बाद उस पर अपने ग्राम पंचायत के मुखिया के हस्ताक्षर कराने होंगे.
लाभ लेने के लिए जल्द आवेदन करें किसान
झारखंड में पहले इृस योजना के तहत आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 नंवबर तक रखी गई थी. पर जानकारी के अभाव में अधिंकांश किसान आवेदन नहीं कर पाए थे और किसानों का कहना था कि उन्हें ऑनलाइन आवेदन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. इस कारण वो आवेदन नहीं कर पाए थे. किसानों की इस परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत आवेदन करने कि तिथि को बढ़ा दिया है, फिलहाल किसान 15 दिसंबर से पहले तक आवेदन कर सकते हैं.
अब तक प्राप्त हुए आवेदन
झारखंड फसल राहत योजना और मुख्मंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत लाभ लेने के लिए अब तक सात लाख 83 हजार 265 किसानों ने आवेदन दिया है. जबकि इस योजना के तहत राज्य के 31 लाख किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य सरकार का है. योजना के तहत सभी 31 लाख किसानों को 3500 रुपए प्रति किसान दिए जाएंगे. राज्य सरकार इस राशि के वितरण की शुरूआत 29 दिसंबर से करेगी. झारखंड फसल राहत योजना के तहत छह लाख 44 हजार 797 किसानों ने आवेदन किया है, जबकि मुख्यमंत्री सुखाड़ योजना के तहत एक लाख 38 हजार 468 किसानों ने आवेदन दिया है.
इतने किसानों ने किया है आवेदन
झारखंड सरकार की वेबसाइट में दी गई जानकारी के मुताबिक इस चार लाख 43611 किसानों ने धान की बुवाई नहीं थी, जबकि तीनॅ लाख 15 हजार ऐसे किसान हैं जिन्हें 33 फीसदी से अधिक का नुकसान हुआ है. इनमें भूमिहीन कृषक मजदूरों की संख्या 24,126 है. इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान टॉल फ्री नंबर 18001801551 पर संपर्क कर सकते हैं.
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