तेलंगाना के जोगीपेट में मंगलवार को जो कुछ हुआ, उसने सबको उस दौर की याद दिला दी. यहां पर किसानों को एग्रीकल्चर ऑफिस के बाहर लंबी लाइनों में खड़ा देखा जा सकता था. यह किसान दरअसल हरी खाद के बीज खरीदने के लिए टोकन के वास्ते पट्टादार पासबुक के साथ कतार में खड़े होने को मजबूर थे. ऐसे में किसानों ने भी एक नायाब तरीका खोज निकाला उन्होंने भी खुद लाइन में खड़े रहने की जगह अपनी पट्टादार पासबुक को ही लाइन में लगा दिया.
तेलंगाना की मीडिया की मानें तो मंगलवार को नजर आया सीन बंटवारे से पहले के दिनों की याद दिलाता है. किसान घंटों लाइन में खड़े थे और जैसे ही वो किसान एग्रोस रायथु सेवा केंद्र के काउंटर पर पहुंचे, कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि स्टॉक खत्म हो गया है. गुस्साए किसान सड़कों पर उतर आए और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसकी वजह से कुछ देर के लिए ट्रैफिक भी रुक गया. इस विरोध प्रदर्शन की वजह से बिजी रहने वाले NH-161 पर भी ट्रैफिक जाम हो गया.
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एंडोले के पूर्व विधायक चंति क्रांति ने स्थिति से निपटने में कृषि अधिकारियों और कांग्रेस सरकार के व्यवहार की निंदा की. क्रांति ने कहा कि सरकार जोगीपेट के एग्रो रायथु सेवा केंद्र में जरूरी स्टॉक मुहैया कराने में असफल रही है. उन्होंने कहा कि अधिकारी हरी खाद के बीजों की मांग का आकलन करने में पूरी तरह विफल रहे. इसकी वजह से ही आज यह अराजक स्थिति उत्पन्न हुई है. क्रांति ने कहा कि कांग्रेस जब से सत्ता में आई है, तब से किसानों के हितों के खिलाफ काम कर रही है.
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उनका कहना था कि किसान इस तरह से कतारों में तभी खड़े हुए थे, जब साल 2014 से पहले कांग्रेस सत्ता में थी. उन्होंने कहा कि स्थिति अब बंटवारे से पहले के दिनों जैसी हो गई है. पिछली बीआरएस सरकार ने किसानों के लिए कभी ऐसी स्थिति नहीं आने दी. इस बीच, यहां जारी एक बयान में अंडोले के कृषि अधिकारी के अरुणा ने कहा कि अंडोले मंडल को सीजन के लिए 730 किलोग्राम हरी खाद के बीज आवंटित किए गए थे. उन्होंने वितरण के पहले दिन मंगलवार को 178 किलोग्राम वितरित किए. अधिकारी ने कहा कि बाकी का वितरण स्टॉक आने पर किया जाएगा.
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