WB By-Polls: बंगाल में इस बार कांग्रेस-लेफ्ट फ्रंट में नहीं होगा गठबंधन, पिछली हार से दोनों पार्टियों में बढ़ी खटास

WB By-Polls: बंगाल में इस बार कांग्रेस-लेफ्ट फ्रंट में नहीं होगा गठबंधन, पिछली हार से दोनों पार्टियों में बढ़ी खटास

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक़ बंगाल कांग्रेस की ओर से नामों की एक लिस्ट दिल्ली भेज दी गई है. ऐसे में इस बार 13 नवंबर को विधानसभा की छह सीटों पर होने वाले उपचुनाव में पश्चिम बंगाल में चौतरफ़ा मुक़ाबला होने जा रहा है जहां तृणमूल कांग्रेस BJP कांग्रेस और वाम मोर्चा अलग-अलग आज़माइश पर हैं.

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बंगाल में इस बार कांग्रेस-लेफ्ट फ्रंट में गठबंधन नहीं, पिछली हार से दोनों पार्टियों में बढ़ी खटासबंगाल उपचुनाव में कांग्रेस-लेफ्ट फ्रंट में गठबंधन नहीं

पश्चिम बंगाल के उपचुनाव में इस बार एक अलग नजारा देखने को मिलेगा. मामला कुछ ऐसा है कि बंगाल में कांग्रेस और वाम मोर्चा में सालों बाद इस बार गठबंधन नहीं होने जा रहा है. यानी सालों बाद पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वाम मोर्चा अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे. अभी तक लगभग हर चुनाव में दोनों पार्टियां एक साथ उतरी हैं, लेकिन इस बार मामला पलट गया है. वाम मोर्चा की ओर से पश्चिम बंगाल में 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए पांच उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के साथ ही अब साफ़ हो गया है कि दोनों पार्टियों के बीच कोई गठबंधन नहीं हो रहा है.

अगर हम एक नज़र कांग्रेस और वाम मोर्चा के गठबंधन पर डालें तो इसकी शुरुआत साल 2016 में हुई जब पहली बार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच समझौता हुआ. हालांकि दोनों ही पार्टियों के बीच 2019 के लोकसभा चुनाव में सीटों पर समझौता नहीं हो पाया था. लेकिन 2020 में ही दोनों पार्टियों ने तय कर लिया था कि 2021 के विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे.

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कहां फंसा पेच

2021 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस वाम मोर्चा और आईएसएफ ने साथ मिलकर लड़ा था. लेकिन 2021 के विधानसभा चुनाव में न ही कांग्रेस और न ही वाम मोर्चा को एक भी सीट मिली जबकि आईएसएफ को एक सीट मिली थी. इस खराब प्रदर्शन के बावजूद 2024 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस और वाम मोर्चा ने सीटों पर समझौता जारी रखा. इस बार लेकिन कांग्रेस को एक सीट मिली जबकि वाम मोर्चा को कोई भी सीट नहीं मिली. ऐसे में वाम मोर्चा के घटक दलों में ही आपसी बंद शुरू हो गया और कांग्रेस के साथ गठबंधन पर अंदरूनी बहस छिड़ गई.

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ऐसे में इस बार बगैर किसी गठबंधन दोनों ही पार्टियों ने अलग अलग चुनाव लड़ने का फ़ैसला कर लिया है. इस वर्ष के लोकसभा चुनाव में विजयी विधायकों के इस्तीफे के कारण छह निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. लेफ़्ट फ़्रंट की ओर से जो सूची जारी की गई है उसके मुताबिक़ सीताई से फॉरवर्ड ब्लॉक के अरुण कुमार बर्मा, आरएसपी के पदम ओरांव (मदारीहाट), सीपीआई (एमएल) के देबज्योति मजूमदार (नैहाटी), सीपीआई के मणि कुंतल खमरुई (मेदिनीपुर) और सीपीआई (एम) के देबकांति महंती (तालडांगरा) उम्मीदवार हैं.

लेफ्ट फ्रंट का बयान

वाम मोर्चा ने कहा कि हरोआ निर्वाचन क्षेत्र के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा बाद में की जाएगी. टीएमसी ने 2021 के विधानसभा चुनावों में इनमें से पांच सीटों पर जीत हासिल की थी, सिवाय मदारीहाट को छोड़कर, जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास थी. वहीं कांग्रेस की ओर से भी वे आज या कल में उपचुनाव उपचुनाव पीछे सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हो जाएगी. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक़ बंगाल कांग्रेस की ओर से नामों की एक लिस्ट दिल्ली भेज दी गई है. ऐसे में इस बार 13 नवंबर को विधानसभा की छह सीटों पर होने वाले उपचुनाव में पश्चिम बंगाल में चौतरफ़ा मुक़ाबला होने जा रहा है जहां तृणमूल कांग्रेस BJP कांग्रेस और वाम मोर्चा अलग-अलग आज़माइश पर हैं.(अनुपम मिश्र की रिपोर्ट)

 

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