तीन मार्च को बिहार की राजधानी पटना में I.N.D.I.A ब्लॉक की एक रैली हुई थी. इस रैली में यह दावा किया गया था कि ज्यादा से ज्यादा लोगों ने इसमें शिरकत करके इसे सफल बनाया. इस रैली में कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव सहित इंडिया ब्लॉक के नेता शामिल हुए थे. लोकसभा चुनावों से पहले इस रैली को जन विश्वास महारैली के तौर पर करार दिया गया. इंडिया ब्लॉक की तरफ से दावा किया गया कि इस रैली में लाखों की तादाद में लोग शामिल हुए थे. जबकि इसकी असलियत कुछ और थी.
पटना के गांधी मैदान में हुई रैली में कई नेताओं ने भाषण दिए. इनके समर्थकों की तरफ से भी जो तस्वीरें साझा की गईं उनमें लोगों का भारी हुजूम नजर आ रहा था. एक्स (ट्विटर) पर एक यूजर ने लिखा, 'पटना के प्रतिष्ठित गांधी मैदान में भीड़ की सुनामी. आज ऐतिहासिक रैली में 12 लाख से अधिक लोग शामिल हुए.' जबकि इंडिया टुडे फैक्ट चेक के मुताबिक यह तस्वीर पुरानी है और आरजेडी की एक अलग रैली दर्शाती है. ज्यादा भीड़ दिखाने के लिए इसे डिजिटल रूप से भी बदल दिया गया है.
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फोटो को रिवर्स सर्च करने पर पता लगता है कि यह 27 अगस्त 2017 की उस रैली की फोटो है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक रैली से जुड़ी थी. उस फोटोग्राफ को आरजेडी के नेता लालू प्रसाद यादव ने शेयर किया था. फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी फोटोग्राफ के साथ जो रिपोर्ट थी उसमें लिखा था, 'पटना में लालू प्रसाद यादव की रैली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दोस्त से दुश्मन बने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन में, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आज प्रतिष्ठित गांधी मैदान में रैली कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव जैसे प्रमुख विपक्षी इस कार्यक्रम का हिस्सा थे. लाखों लोगों के जुटने के बाद पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना.'
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को इंडिया पर जमकर बरसे. शाह ने गठबंधन के नेताओं पर अपने रिश्तेदारों की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की परवाह करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जो लोग केवल अपने बेटों, बेटियों और भतीजों के कल्याण के लिए काम करते हैं. देश के कल्याण के लिए कार्य करने में असमर्थ थे. संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि पार्टियों के भारतीय गुट के नेता सिद्धांतों की नहीं बल्कि वंशवाद की राजनीति करते हैं.
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