
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में किसानों का दिल्ली कूच 6 दिसंबर से शुरू हो रहा है. 101 किसानों का पहला जत्था दिल्ली के लिए दोपहर 1 बजे शंभू बॉर्डर से निकलेगा. सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि कल गुरु तेग बहादुर का शहीदी का दिन है और इस दिन हमारा 101 जनों का जत्था दिल्ली के लिए यहां से पैदल रवाना होगा. पहला जत्था में शामिल लोग निहत्थे और पैदल दिल्ली जाएंगे, वह दोपहर 1 बजे यहां से निकलेंगे. कल ‘मर्जीवडा जत्था’ दिल्ली रवाना होगा. अब सरकार क्या करेगी यह सरकार सोचे. किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार को किसानों से बात करनी है तो आज रात 11 बजे तक हमें सूचना दे दी जाए.
संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा की आज शाम 4 बजे शंभू बॉर्डर पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि कल 6 दिसंबर को गुरु तेग बहादुर का शहीदी का दिन है और इसी दिन हमारा 101 जनों का पहला जत्था दिल्ली के लिए शंभू बॉर्डर से पैदल रवाना होगा. इस जत्थे का नाम ‘मर्जीवडा जत्था’ रखा गया है. यह जत्था दोपहर 1 बजे यहां से दिल्ली के लिए निकलेगा. सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि 101 का पहला ग्रुप जो दिल्ली के लिए रवाना होगा उसमें शामिल लोगों डिटेल साझा की जाएंगी.
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि ये पंजाब हरियाणा का बॉर्लडर हो ऐसा लगता है कि ये इंटरनेशनल टेरेटरी हो, शंभू बॉर्डर पर हमारे आसपास बेरीकेडिंग की जा रही है. इनका जोर चले तो कोई पक्षी भी उधर से नहीं आने देंगे और जानवर भी नहीं आने देंगे. किसान मजदूर के साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है कि जैसे दूसरे देश के हम दुश्मन हों, जबकि हम भारत के नागरिक हैं और देश राजधानी में जाकर शांतिपूर्क अपनी बात मनवाना चाहते हैं. केंद्र या राज्य से बातचीत के लिए चिट्ठी आए
उन्होंने कहा कि खनौरी बॉर्डर से किसानों के दिल्ली रवाना होने के लिए अभी कोई ऐलान नहीं किया गया है. लेकिन, पुलिस बल वहां तैनात है. अगर हमें दिल्ली ना जाने दिया तो हमारी दोनों मोर्चो की नैतिक जीत होगी. उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए केंद्र सरकार की ओर से चिट्ठी आए या पंजाब-हरियाणा CM दफ्तर से. पंढेर ने कहा कि अंबाला में ड्रोन से पुलिस की ट्रेनिंग हो रही है. यहां पर अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर जैसे हालात हैं. सरकार का यह तानशाह रवैया है. अगर हमारी बात नहीं माननी तो PM अपने उप-राष्ट्रपति की ही बात मान लें.
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसानों के आंदोलन में अलग-अलग किसान और मजदूर यूनियन शामिल हों रही हैं, जिनके लोग दिल्ली जाने वाले जत्थों में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि बीकेजू बहरामके, बीकेजू एकता आजाद, बीकेजू क्रांतिकारी, बीकेजू दोआबा, बीकेजू अंगेडी, भारतीय किसान यूनियन, भारतीय किसान मजदूर यूनियन लुधियाना, बीकेजू शहीद भगत सिंह हरियाणा, किसान मजदूर हितकारी सभा, किसान मजदूर मोर्चा पंजाब, आजाद किसान कमेटी दोआबा, इंडियन फार्मर्स एसोसिएशन बहरू, प्रोग्रेस फार्मर्स फ्रंट यूपी, ग्रामीण किसान समिति राजस्थान, राष्ट्रीय किसान संगठन एमपी एंड बिहार, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के मर्जीवड़े जत्थे में शामिल होंगे.
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार अगर बातचीत करना चाहती है तो 5 दिसंबर की रात 11 बजे तक सूचना एसकेएम केएमम को लिखित रूप से भेज दे. पिछली बार की तरह इस बार वह केंद्र की रणनीति में नहीं फंसेंगे. इसीलिए इस बार जत्थों में किसानों को रवाना किया जा रहा है. पंढेर ने कहा कि अगर सरकार बात करना चाहती है तो चिट्ठी आए, चाहे वह केंद्र की ओर से या राज्य जुड़ना चाहें तो सीएम दफ्तर से चिट्ठी आए. हम वार्ता के लिए तैयार हैं.
पंजाब के खनौरी और शंभू बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसानों जुटान शुरू हो गया है. बीते दिन 4 दिसंबर बुधवार को हुई कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने सभी किसान संगठनों और कैडर से अपील की गई थी कि सभी जत्थे 5 दिसंबर की शाम को खनौरी और शंभू बॉर्डर पर जुटेंगे. बता दें कि सभी फसलों के लिए एमएसपी गारंटी कानून की मांग समेत किसानों के कई मुद्दों को लेकर 13 फरवरी से आंदोलन कर रहे पंजाब के किसानों ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच की घोषणा की है.
आज 5 दिसंबर को सरवन सिंह पंढेर ने वीडियो जारी कर कहा कि दिल्ली आंदोलन दो के आज 297 दिन हो गए हैं. आप जानते हैं हम एसपी खरीद की लीगल गारंटी कानून, किसान-मजदूर की कर्जमाफी और अन्य 12 मांगों के लिए पूरे देश के किसान मज़दूर के हित में आंदोलन कर रहे हैं. जिस तरह से कल देश के उपराष्ट्रपति जी ने बोला उनकी अंतरात्मा जागी है. उन्होंने कहा कि कल हरियाणा के डीसी ने हमें नोटिस भेज दिया कि हरियाणा में धारा 144 लागू है. वहां सब कुछ सामान्य चल रहा है लेकिन देश के किसान मजदूर के लिए धारा 144 है.
पंढेर ने कहा कि लगभग 10 महीने से केंद्र सरकार के मंत्री और लोग सुप्रीम कोर्ट में और हाईकोर्ट में कह रहे हैं कि किसान पैदल दिल्ली चले जाएं और अब जब हमने पैदल जाने का निर्णय किया तो धारा 144 लगाकर पैदल जाने पर भी पाबंदी लगाई जा रही है. इसका मतलब है कि ये लोग किसान को देश का वासी नहीं मानते हैं, हमें किसी दुश्मन देश की तरह ट्रीट किया जा रहा है. कल यहीं से हम लोग दिल्ली की ओर दोपहर के बाद जत्थे रवाना करेंगे.
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