19 अप्रैल से शुरू हुए लोकसभा चुनावों का अब बस आखिरी यानी सातवां चरण बाकी है. 1 जून को इस चरण के लिए वोट डाले जाएंगे जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी शामिल है. आपको यह जानकर हैरानी होगी शुरुआत में एक-दो नहीं बल्कि पूरे 41 उम्मीदवारों ने वाराणसी से पर्चा भरा था जिसमें कॉमेडियन श्याम रंगीला का नाम भी शामिल था. लेकिन मैदान में अब बस 6 उम्मीदवार ही बचे हैं जो पीएम मोदी के खिलाफ अपनी किस्मत आजमाएंगे.
पीएम मोदी को मिलाकर आखिरी राउंड के तहत वाराणसी में होने वाली वोटिंग में कुल सात उम्मीदवार हैं. जो छह लोग पीएम मोदी को चुनौती दे रहे हैं उनमें कांग्रेस के अजय राय, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के अतहर जमाल लहरी, युग तुलसी पार्टी के कोलीशेट्टी शिवा कुमार, अपना दल (कमेरावादी) के गगन प्रसाद यादव और निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश कुमार यादव के नाम शामिल हैं. गगन प्रसाद यादव को AIMIM चीफ असुदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल के पिछड़ा-दलित-मुसलमान गठबंधन यानी PDM का समर्थन हासिल है. 18वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनावों के नतीजे 4 जून को आएंगे.
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साल 2014 में जब पीएम मोदी ने यहां पर चुनाव लड़ा था तो उनके सामने कांग्रेस के अजय राय और आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल थे. पीएम मोदी ने तब तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की और एक इतिहास रच दिया था. साल 2019 में पीएम मोदी ने 4,79, 505 वोटों से जीत हासिल की. उन्हें कुल 6,74,664 वोट मिले थे. वाराणसी सीट सन् 1957 में अस्तित्व में आई थी. तब से लेकर काफी समय तक यहां पर कम्युनिस्ट और कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा.
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साल 1991 में बीजेपी ने इस संसदीय क्षेत्र को अपने नाम करना शुरू कर दिया था. हालांकि साल 2004 में बीजेपी ने यह सीट कांग्रेस के हाथों गंवा दी थी. उस समय 15 साल के बाद कांग्रेस को वाराणसी में जीत मिली थी. लेकिन साल 2009 से यह सीट फिर से बीजेपी के खाते में है. 2009 में मुरली मनोहर जोशी ने यहां पर चुनाव जीता और उसके बाद से पीएम मोदी यहां से जीतते आ रहे हैं. वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें हैं. सन् 1957 के बाद से बीजेपी ने सात बार और कांग्रेस ने छह बार इस सीट पर जीत हासिल की है.
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वाराणसी पीएम मोदी के अलावा पूर्व पीएम चंद्रशेखर का भी पसंदीदा संसदीय क्षेत्र रहा है. चंद्रशेखर ने सन् 1977 में 47.9 फीसदी वोटों के भारी अंतर से यहां पर जीत हासिल की थी. वहीं अभी तक वाराणसी में समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने लोकसभा चुनावों में खाता नहीं खोला है. वाराणसी संसदीय क्षेत्र की कुल आबादी में 75 फीसदी हिंदू हैं जबकि 20 फीसदी मुसलमान और पांच फीसदी बाकी धर्मों के लोग हैं. यहां की 65 फीसदी आबादी शहर में रहती है तो बाकी 35 फीसदी गांवों में रहती है.
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