आज संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) व किसान मजदूर मोर्चा ने एक अहम फैसला लेते हुए एक महीने से अधिक वक्त से चल रहे रेल रोको आंदोलन को किसानों ने स्थगित कर दिया है. इससे लाखों रेल यात्रियों को राहत मिलेगी. किसानों ने यह बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि अब आने वाले समय में पंजाब-हरियाणा में भाजपा नेताओं के दफ्तरों का घेराव किया जाएगा. पंजाब में पीएम मोदी के कार्यक्रमों के दौरान किसान बड़े जत्थे बनाकर उनसे सवाल पूछने जाएंगे. किसान नेताओं ने बताया कि 2 जून तक सभी किसान साथी अधिक से अधिक संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ पहुंचे और मोर्चों को मजबूती प्रदान करें,
हरियाणा के तीन किसानों की गिरफ्तारी के खिलाफ यह आंदोलन पंजाब के शंभू रेलवे स्टेशन पर पिछले 34 दिन से चल रहा था. इससे सैकड़ों ट्रेनें बाधित हुई थीं. जिससे लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. करोड़ रुपये के व्यापार पर इसका असर पड़ा. लेकिन हरियाणा सरकार टस से मस नहीं हुई. उसने तीन में एक भी किसान को नहीं छोड़ा. अब किसानों ने इस आंदोलन को स्थगित करके यात्रियों को बड़ी राहत दी है. शंभू बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर और रतनपुरा में पहले की ही तरह एमएसपी गारंटी सहित 12 मांगों को लेकर आंदोलन चलता रहेगा.
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हालांकि, बिना किसी मांग के पूरा हुए ही रेल रोको आंदोलन के स्थगित होने के बाद यह बड़ा सवाल है कि आखिर अब संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) क्या करने वाला है. हरियाणा की दो जेलों में बंद तीन किसानों को वो कैसे छुड़वाएगा. क्योंकि अगर 34 दिन रेलवे ट्रैक जाम करने के बाद भी राज्य और केंद्र सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो फिर आगे वो ऐसा क्या करने वाले हैं कि उन तीनों किसानों को सरकार आसानी से छोड़ देगी.
इस बारे में मोर्चा ने चंडीगढ़ के किसान भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 17 अप्रैल से चल रहे "रेल रोको" कार्यक्रम को आज से स्थगित किया जा रहा है. आज हरियाणा में किसान इकट्ठे होकर अमित शाह व अन्य भाजपा नेताओं से सवाल पूछना चाहते थे लेकिन पुलिस ने अनेकों किसानों को घर पर ही नजरबन्द कर दिया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में काका सिंह कोटड़ा, सुरजीत फूल, सरवन सिंह पंधेर, बलदेव सिंह सिरसा, सुखजीत सिंह, दिलबाग सिंह, लखविंदर सिंह औलख, गुरिंदर भंगू, अभिमन्यु कोहाड़, मलकीत सिंह आदि मौजूद रहे.
किसान नेताओं ने बताया कि 22 मई को मोर्चे के 100 दिन पूरे होने पर शम्भू, दातेसिंह वाला-खनौरी, डबवाली व रतनपुरा बॉर्डरों पर किसान इकट्ठे होंगे व आंदोलन को मजबूत करने के लिए आगामी बड़े एलान किए जाएंगे. किसान नेताओं ने बताया कि कल 19 मई को कैथल के पाई गांव में "किसान इंसाफ यात्रा" के समापन के अवसर पर किसान महापंचायत का आयोजन किया जिसे रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने अनेक किसानों को डिटेन किया. लेकिन उसके बावजूद हजारों की संख्या में किसानों ने पहुंचकर संकल्प लिया कि सत्ता में बैठे जिन लोगों ने पिछले 10 सालों में किसानों, मजदूरों व बेरोजगारों पर जुल्म किए हैं, अब जनता इकट्ठी होकर सत्ता में बैठे उन लोगों को सबक सिखाएगी.
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