कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने कहा है कि सभी सूखा प्रभावित किसानों को अगले 2-3 दिनों में मुआवजा मिल जाएगा. कर्नाटक को केंद्र सरकार से 3,454.22 करोड़ रुपये मिलने से पहले, गौड़ा ने कहा कि 33.58 लाख किसानों को सरकारी खजाने से 636.45 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत का भुगतान किया गया था. इसमें छोटी जोत वाले 4.43 लाख किसान शामिल हैं जिन्हें उनकी योग्यता के अनुसार पूरा मुआवजा मिल चुका है.
गौड़ा ने कहा कि छह मई तक 27.38 लाख किसानों को एनडीआरएफ के तहत कुल 2,425.13 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला है. मंत्री ने कहा कि अब तक 31.82 लाख किसानों को पूरा मुआवजा मिल चुका है. बाकी बचे दो लाख किसानों को कुछ दिनों में उनका हक मिल जाएगा.
इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि सूखा राहत के लिए कर्नाटक को वित्तीय सहायता जारी करना गृह मंत्रालय, सरकार द्वारा जारी स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड और नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड के संविधान और एडमिनिनिस्ट्रेशन गाइडलांइस के अनुसार है. डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत निर्धारित मानदंडों और सिद्धांतों के अनुरूप भारत द्वारा की गई उचित और आवश्यक कार्रवाइयों को ध्यान में रखते हुए, किसी भी दूसरे फैसले के लिए कोई मामला नहीं बनाया गया है. साथ ही यह एक विचाराधीन विषय है.
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जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सोमवार को कर्नाटक सरकार की तरफ से दायर रिट याचिका पर सुनवाई की थी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को केंद्र के इस दावे का खंडन करने की अनुमति दी थी कि उसने डेटा नहीं दिया है. राज्य ने सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू करने के लिए एनडीआरएफ के तहत सितंबर 2023 में 18,174 करोड़ रुपये की मांग की थी.
इस अनुरोध में उन किसानों को मुआवजा देने के लिए 5,662 करोड़ रुपये शामिल थे, जिन्हें कम बारिश के कारण खरीफ सीजन के दौरान फसल का नुकसान हुआ था. कर्नाटक ने 13 सितंबर, 2023 को 223 तालुकों को सूखा प्रभावित घोषित किया था. सरकार की तरफ से यह दावा भी किया गया था कि सूखे के कारण 48 लाख हेक्टेयर में फसल बर्बाद हो गई, जिससे 35,162 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
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