Farmer Protest: संयुक्‍त किसान मोर्चा की कमेटी की तरफ से सौंपा गया 8 बिंदुओं वाला समाधान प्रस्‍ताव 

Farmer Protest: संयुक्‍त किसान मोर्चा की कमेटी की तरफ से सौंपा गया 8 बिंदुओं वाला समाधान प्रस्‍ताव 

किसान आंदोलन का नेतृत्‍व कर रहे संयुक्‍त किसान मोर्चा (एसकेएम) की तरफ से समाधान के लिए आठ बिंदुओं वाला एक समाधान प्रस्‍ताव सौंपा गया है. छह सदस्‍यों वाली कमेटी की तरफ से यह प्रस्‍ताव किसान नेताओं को सौंपा गया है. किसान आंदोलन को तीन मार्च तक के लिए रोक दिया गया है.

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 Farmer Protest: संयुक्‍त किसान मोर्चा की कमेटी की तरफ से सौंपा गया 8 बिंदुओं वाला समाधान प्रस्‍ताव फाइल फोटो

किसान आंदोलन का नेतृत्‍व कर रहे संयुक्‍त किसान मोर्चा (एसकेएम) की तरफ से समाधान के लिए आठ बिंदुओं वाला एक समाधान प्रस्‍ताव सौंपा गया है. छह सदस्‍यों वाली कमेटी की तरफ से यह प्रस्‍ताव किसान नेताओं को सौंपा गया है. यह प्रस्‍ताव ऐसे समय में सौंपा गया है जब किसान आंदोलन को तीन मार्च तक के लिए रोक दिया गया है. अब रविवार के बाद ही इस आंदोलन की अगली रणनीति को तय किया जाएगा.  इस प्रस्‍ताव को एक ऐसे दृष्टिकोण के तौर पर बताया जा रहा है जो संघर्ष का एक सही आधार और रास्ता मुहैया करवाने वाला है. 

कौन-कौन से खास बिंदु 

कमेटी की तरफ से जिन 8 बिंदुओं को इसमें शामिल किया गया है वो साल 2020-2021 के दौरान हुए किसान प्रदर्शन के अहम तत्‍वों पर आधारित हैं. इन बिंदुओं में तालमेल पर आधारित संगठनिक ढांचा, संघर्ष की मांगों को ध्‍यान में रखना, केंद्र सरकार को संघर्ष का मुख्‍य निशाना बनाना, देशभर के किसानों विशेषकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के किसानों की भागीदारी, दिल्‍ली कूच के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से रास्‍ता रोकने की तरकीबों का ठंडे दिमाग से समाधान निकाला, अनुशासन में रहकर प्रदर्शन को आगे बढ़ाना, साल 2021 में भड़काऊ शक्तियों की हुई हार के अलावा सफल एकजुट किसान संघर्ष का जिक्र किया गया है. 

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तीन मार्च के बाद अगली रणनीति 

शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान इकट्ठा हैं. अगली रणनीति के संबंध में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे विभिन्न किसान संगठनों ने चुप्पी साथ रखी है. लेकिन कहा जा रहा है कि तीन मार्च को शुभकरण सिंह के भोग समागम के बाद अगली रणनीति का ऐलान होगा. किसान नेता पंढेर ने पिछले दिनों कहा था कि वो बाकी नेताओं के साथ चर्चा करेंगे और अपनी भविष्य की रणनीति पर फैसला करेंगे. 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी सीमा बिंदु पर झड़प में 21 वर्षीय शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी. इस दौरान करीब 12 पुलिस कर्मी भी घायल हो गए थे. इसके बाद मार्च को दो दिनों के लिए रोक दिया गया था. 

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तीन मार्च को होगी अहम मीटिंग 

पंढेर ने कहा कि शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की तरफ से तीन मार्च को बठिंडा में उनके गांव बलोह में एक बैठक आयोजित की जाएगी. इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसान शामिल होंगे और वह भी बड़ी संख्या में.   गुरुवार को शुभकरण के शव को अंतिम संस्कार के लिए बलोह ले जाया गया. अपनी विभिन्न मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर दो विरोध स्थलों पर रुके हुए हैं.  


 

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