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MSP गारंटी कानून को लेकर फिर किसान आंदोलित, जानें एमएसपी कमेटी ने अब तक क्‍या किया

MSP गारंटी कानून को लेकर फिर किसान आंदोलित, जानें एमएसपी कमेटी ने अब तक क्‍या किया

MSP कमेटी और उसकी सिफारिशी रिपोर्ट इस संदर्भ में और महत्‍वपूर्ण हो जाती हैं, जब MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर नए किसान आंदोलन की रूपरेखा तैयार हो रही है.

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तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन में MSP गारंटी कानून का मुद्दा प्रमुखता से उठा था- File Photo तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन में MSP गारंटी कानून का मुद्दा प्रमुखता से उठा था- File Photo

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां तेज हो गई है. इसके साथ ही देश में एक बार फिर किसान आंदोलन का माहाैल गर्माने लगा है. संयुक्‍त किसान मोर्चा (SKM) अराजनैतिक ने 13 फरवरी को दिल्‍ली चलो की काॅल दी है.

SKM अराजनैतिक MSP गारंटी कानून बनाने, किसान कर्ज माफी जैसी मांगों को लेकर फिर से किसान आंदोलन शुरू करने जा रहा है. तो वहीं इन्‍हीं मांगों के साथ संयुक्‍त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंंद बुलाया है.

कुल जमा चुनाव से पहले किसान संगठन MSP गारंटी कानून बनाने की प्रमुख मांग के साथ आंदोलन की तैयारी में हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि तीन कृषि कानून के खिलाफ शुरू हुए किसान आंदोलन की वापसी के वक्‍त केंद्र सरकार के आश्‍वसन से अस्‍तित्‍व में आई MSP कमेटी ने अब तक क्‍या किया. कमेटी की रिपोर्ट क्‍या हुआ.

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MSP कमेटी और उसकी सिफारिशी रिपोर्ट इस संदर्भ में और महत्‍वपूर्ण हो जाती हैं, जब MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर नए किसान आंदोलन की रूपरेखा तैयार हो रही है. आइए जानते हैं कि ये कमेटी कब बनी, किन उद्देश्‍यों के साथ ये कमेटी बनी और उसकी रिपोर्ट का क्‍या हुआ. 

18 जुलाई 2022 को गठित हुई थी 26 सदस्‍यीय कमेटी 

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर 2020 से किसान आंदोलन दिल्‍ली के बॉडरों पर हुआ था, जो 13 महीने तक चला. इस आंदोलन की समाप्‍ति के वक्‍त किसान संगठनों को दिए गए आश्‍वासन के मुताबिक केंद्र सरकार ने एक कमेटी के गठन की अधिसूचना 18 जुलाई को जारी की थी. जिसके अध्‍यक्ष समेत कुल 26 सदस्‍य नियुक्‍त गए थे. कमेटी का अध्‍यक्ष पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल को बनाया गया था तो वहीं सचिव सेक्रेटरी क्राप्‍स को बनाया गया था.

तो वहीं कमेटी में नीति आयोग के सदस्‍य कृषि रमेश चंंद, दो अर्थशास्‍त्री, दो किसान सहकारिता के प्रतिनिधि, सीपीसीपी के सदस्‍य, तीन कृषि विश्‍वविद्यालयों के प्रतिनिधि, चार मंत्रालयों के प्रतिनिधि, चार राज्‍य सरकारों के प्रतिनिधियों को जगह दी गई थी. तो वहीं एक राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार विजेता किसान भारत भूषण त्‍यागी, 5 किसान संगठनों के प्रतिनिधि को जगह दी गई थी.

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इन 26 सदस्‍यों के लिए SKM के 3 सदस्‍यों को कमेटी में जगह दी गई थी. इसके लिए अधिसूचना में SKM के सदस्‍यों के नाम वाला हिस्‍सा खाली छोड़ा गया था और नाम आने पर जगह देने की बात कहीं थी. क्‍योंकि पहले कमेटी के लिए  SKM से नाम पूछे गए थे, लेकिन SKM ने नाम दिए. बाद में SKM ने कमेटी को खारिज करते हुए शामिल होने से मना कर दिया था.    

कमेटी का एजेंडा क्‍या था

MSP कमेटी गठन के लिए जारी हुई अधिसूचना में ही कमेटी के एजेंडे का जिक्र भी किया है. कमेटी के एजेंडे को अगर मुख्‍य रूप से बांटा जाए तो वह MSP, प्राकृतिक खेती और फसल विविधिकरण है. MSP वाले एजेंडे को अगर विस्‍तार से समझें तो कमेटी को  देश के किसानों को मिलने वाली MSP की व्‍यवस्‍था को और अधिक प्रभावी बनाने और पारदर्शी बनाने का सुझाव देना था. इसी तरह कृषि लागत व मूल्‍य आयोग को अधिक स्‍वायत्‍त प्रदान करने की व्‍यवहार्यता और वैज्ञानिकता प्रदान करने के सुझाव देना था. कुल जमा कमेटी के 12 एजेंडे निर्धारित किए गए थे. 

कमेटी ने अब तक क्‍या किया 

किसान आंदोलन की नए सिरे से तैयारियां शुरू होने लगी हैं. ऐसे में MSP कमेटी ने अब तक क्‍या किया, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है, जिसको लेकर बीते दिनों राज्‍यसभा में बीआएस सांसद लिंंगैया यादव ने केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा से सवाल पूछा था, जिसका लिखित जवाब में कृषि मंंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि कमेटी की नियमित रूप से बैठके आयोजित होती रही हैं, जिसके तहत अभी तक कमेटी की कुल 37 बैठक हो चुकी हैं, जिसमें 6 मुख्‍य बैठकें और 31 उपसमूह की बैठकें शामिल हैं. कमेटी कब तक रिपोर्ट सौपेंगी, रिपोर्ट को लेकर किस स्‍तर पर काम हो रहा है, इसकी जानकारी उन्‍होंने नहीं दी हैं.