जूट जिसे गोल्डन फाइबर भी कहा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जूट का भारत में सबसे अधिक उत्पादन किस राज्य में होता है? यानी कहां से पूरे देश में सबसे अधिक पहुंचता है जूट. इसके लिए पढ़ें ये रिपोर्ट-
वर्तमान समय में लोग प्लास्टिक यूज करने से बच रहे हैं. इसके लिए लोग अलग-अलग प्रकार के तरीकों को अपना रहे हैं, जिससे प्लास्टिक के अधिक इस्तेमाल से बचा जा सके. ऐसे में प्लास्टिक का सस्ता, सुविधाजनक और टिकाऊ उपाय जूट है.
इसे लोग जूट, पटसन, पटुआ या गोल्डन फाइबर के नाम से भी जानते हैं. जूट धीरे-धीरे प्लास्टिक की जगह लेता जा रहा है. जूट एक नकदी फसल है. इसलिए भारत के कई राज्यों में इसकी खेती की जाती है.
जूट की वैश्विक पैदावार में से आधे से ज्यादा का उत्पादन भारत में होता है. प्लास्टिक से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए दुनिया भर के पैकेजिंग उद्योग में जूट की भारी मांग है. जूट का नाता देश के सबसे पुराने कृषि-उद्योग से भी है.
भारत में सबसे अधिक जूट का उत्पादन पश्चिम में होता है. यानी जूट उत्पादन के मामले में ये राज्य अव्वल है. यहां के किसान हर साल बंपर जूट का उत्पादन करते हैं. देश की कुल जूट उत्पादन में यहां का 83.04 फीसदी की हिस्सेदारी है.
परंपरागत तौर पर जूट के रेशों से बोरी, दरी, कालीन, तंबू, तिरपाल, टाट, रस्सी, कागज, सजावटी सामान, फर्नीचर और कपड़े बनाए जाते हैं. लेकिन उत्पादन के मामले में दूसरे स्थान पर असम है. देश के कुल जूट उत्पादन में इस राज्य की हिस्सेदारी 8.02 फीसदी है.
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के (2023-24) आंकड़ों के अनुसार जूट के पैदावार में तीसरे स्थान पर बिहार है. यहां के किसान हर साल 7.02 फीसदी जूट का उत्पादन करते हैं. वहीं ये तीन राज्य मिलकर 99 फीसदी जूट का उत्पादन करते हैं.
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