देश में गेहूं की पैदावार कितनी होगी, इसका अनुमान जारी हो रहा है. सरकार पहले भी इसके बारे में बता चुकी है. इसके बाद फ्लोर मिल्स के संगठनों ने भी अपना अनुमान दिया है. रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ने इस साल 1050 लाख टन से अधिक गेहूं उत्पादन का अनुमान जताया है. माना जा रहा है कि इस साल देश में गेहूं की अच्छी उपज होगी.
खास बात ये है कि फेडरेशन ने जितना उत्पादन का अनुमान दिया है, उससे अधिक अनुमान सरकार का है. सरकारी अनुमान के मुताबिक इस साल देश में 1120 लाख टन गेहूं की पैदावार होगी. सरकार ने यह भरोसा भी जताया है कि इस साल किसानों से 310-320 लाख टन गेहूं की खरीद की जा सकेगी. इसका इस्तेमाल राशन और अन्य स्कीमों में किया जाएगा.
फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी कि FCI के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अशोक मीणा ने बताया कि इस साल किसानों से अधिक गेहूं की खरीद होगी. पिछले साल जहां 260 लाख टन गेहूं की खरीद की गई थी, वहीं इस बार यह मात्रा 320 लाख टन तक जा सकती है. यह मात्रा सरकारी मांग के मुताबिक है जिसका इस्तेमाल अलग-अलग स्कीमों में किया जाएगा. अगर सरकार को बाजार में ओपन मार्केट स्कीम के तहत गेहूं बेचना हो तो उसके लिए भी यह मात्रा उपयुक्त है.
एफसीआई के चेयरमैन मीणा ने यह भी जानकारी दी कि इस सीजन में सात अप्रैल तक 10 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद पूरी हो चुकी है जबकि एक साल पहले इस तारीख तक 7 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी. पिछले साल भी गेहूं की अच्छी पैदावार मिली थी और इस साल भी इसके अच्छे संकेत मिल रहे हैं. इस बार गर्मी की मार भी फसल पर नहीं देखी जा रही है जिसका डर किसानों को बना रहता है.
राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र को छोड़ दें तो देश के बाकी राज्यों में गेहूं का उत्पादन सही दिख रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल यूपी के किसान 320 लाख टन के आसपास गेहूं का उत्पादन कर सकते हैं जबकि पिछले साल यह मात्रा लगभग 300 लाख टन थी. मध्य प्रदेश में इस साल 245 लाख टन तक उत्पादन हो सकता है जबकि पिछले साल यह 245 लाख टन था. यूपी गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब में इस बार 150 लाख टन से अधिक गेहूं की उपज हो सकती है जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 145 लाख टन के आसपास था. हरियाणा में इस बार 100 लाख टन से अधिक तो बिहार में गेहूं की पैदावार 50 लाख टन तक जा सकती है. इस तरह देश के हर गेहूं उत्पादक राज्यों में इस बार पिछले साल से अधिक पैदावार होगी. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.
'बिजनेसलाइन' की रिपोर्ट बताती है, देश के तीन राज्यों राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में गेहूं का उत्पादन इस बार कम हो सकता है. राजस्थान में जहां 90 लाख टन से गिरकर 88 लाख टन उत्पादन हो सकता है तो गुजरात में यह 33 लाख टन से गिरकर 31 लाख टन पर आ सकता है. महाराष्ट्र में यह अनुमान 18 लाख टन से घटकर 16 लाख टन तक जा सकता है.
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