मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी प्रखंड के प्रगतिशील किसान भूषण कुमार फ्लोरिडा के कैरम्बोला, जिसे आम बोलचाल की भाषा में 'स्टार फ्रूट' भी कहा जाता है, की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. अब उन्हें देखकर आसपास के किसान भी स्टार फ्रूट के बारे में जानकारी ले रहे हैं और इसे अपने बगीचों में लगा रहे हैं. भूषण कुमार ने बताया कि स्टार फ्रूट में विटामिन सी, विटामिन बी, सोडियम, आयरन, पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं.
इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, जबकि फाइबर की मात्रा अधिक होती है. यही वजह है कि यह फल बुखार, डायबिटीज और कैंसर में कारगर है. स्टार फ्रूट में कैल्शियम की मात्रा सबसे अधिक होती है, जो स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट के खतरे को कम करता है.
हल्के हरे रंग का यह फल पकने के बाद नारंगी रंग का हो जाता है और स्वाद में थोड़ा खट्टा और रसीला होता है. स्टारफ्रूट खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है. एक स्टार फ्रूट के पौधे की कीमत दो सौ रुपए है. इसकी खासियत यह है कि इसे पानी और जैविक खाद के अलावा किसी भी तरह की रासायनिक खाद की जरूरत नहीं होती. इससे कम लागत में अच्छी आमदनी होती है.
एक पेड़ पर 15 से 25 किलो फल लगते हैं और यह 100 रुपये प्रति किलो तक बिकता है. यही वजह है कि यह भारत में बहुत लोकप्रिय है. यह फल पूरे साल उपलब्ध रहता है और देश के किसी भी हिस्से में आसानी से उगाया जा सकता है.
इस समय स्टार फ्रूट की थाई किस्म सबसे ज्यादा प्रचलित है क्योंकि इसका फल बहुत मीठा होता है और यह पूरे साल फल देता है. उन्होंने बताया कि स्टार फ्रूट की खासियत यह है कि यह पौधा बहुत तेजी से बढ़ता है और इसे आप किसी भी मौसम में लगा सकते हैं. पौधा लगाने के 40-45 दिन बाद इसमें फूल खिलने लगते हैं और फल पकने में 45 से 60 दिन का समय लेते हैं.
भूषण कुमार ने पश्चिम बंगाल से स्टार फ्रूट का पौधा लाकर लगाया था और अब वे आसपास के किसानों को भी इसकी ग्राफ्टिंग कर इसे लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. भूषण कुमार से स्टार फ्रूट के बारे में जानने आए रहुआ के किसान राजेंद्र साह ने बताया कि लीची साल में सिर्फ दो महीने ही आमदनी देती है और दस महीने तक इसकी देखभाल करनी पड़ती है, जिससे मुनाफा कम होता है. इसलिए वे लीची के साथ-साथ स्टार फ्रूट भी उगाना चाहते हैं, जिसकी जानकारी मिलने के बाद अब वे अपने बगीचे में लीची के साथ-साथ स्टार फ्रूट भी उगाएंगे.
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