राजस्थान के रहने वाले अरविंद ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की लेकिन पढ़ने के बाद वो जॉब की बजाय अपनी जड़ों से जुड़ना चाहते थे और इसके लिए दिमाग में ऑर्गेनिक खेती का विचार आया. बस इसी आइडिया से 2002 में ऑर्गेनिक खेती करना शुरू किया और किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रेरित किया.
कुछ दिनों बाद उनके छोटे भाई अजीत गोदारा ने भी पढ़ाई पूरी होने के बाद हाथ मिलाया और यहीं से शुरुआत हुई ऑर्गेनिक फूड इंडस्ट्री में आगे बढ़ने की जिसके बाद 2006 में नेचरलैंड ऑर्गेनिक्स कंपनी शुरू की.
दोनों भाई के परिवार का कनेक्शन किसानी से था इसलिए उन्हें खेती से जुड़ा ही व्यवसाय करना था. खासतौर पर उन्होंने अपने परिवार में सस्टेनेबल खेती होते देखी थी इसलिए वो भी इसी परंपरा को आगे बढ़ाना चाहते थे. दोनों भाइयों का सपना था कि देश में ऑर्गेनिक खेती को प्रमोट किया जाए.
खेती में ऑर्गेनिक तरीके को अपनाने के लिए अरविंद को 2017 में SME अवॉर्ड, कमल आयुष भूषण समेत राज्य और जिला स्तर पर कई बार सम्मानित किया गया. खुद नेचरलैंड ऑर्गेनिक्स कंपनी अपनी सेल का 1% हिस्सा बच्चियों की एजुकेशन के लिए देते हैं.
ये B2C यानी बिजनेस टू कस्टमर है जिसमें ये करीब 75 ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का बिजनेस करते हैं इस कंपनी का 132 करोड़ से ज्यादा का रेवेन्यू है जिसे अगले कुछ साल में 200 करोड़ तक ले जाने का प्लान है.
कंपनी के करीब 75 ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हैं जो 15 हजार से ज्यादा आउटलेट पर मिलते हैं जिसमें स्विगी, जोमेटो, फ्लिपकार्ट, अमेजॉन, ब्लिंकइट और बिग बास्केट के अलावा जेप्टो जैसी ई कॉमर्स कंपनी शामिल हैं.
ये दोनों भाई 35 हजार एकड़ से ज्यादा एरिया में खेती क्लस्टर बेस खेती कराते हैं और करीब 10 हजार छोटे-मंझले किसानों की किस्मत बदल रहे हैं. इनके साथ काम करने वाले किसान सिंथेटिक पेस्टिसाइड और फर्टिलाइजर का कम से कम इस्तेमाल कर हैं जिससे लोगों और धरती दोनों की सेहत सुधर रही है.
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