भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान केंद्र करनाल (IIWBR) के निदेशक डॉक्टर रत्न तिवारी ने कहा है कि गेंहू की फसल की पैदवार पर बढ़े हुए तापमान कोई असर नहीं पड़ेगा.
डॉ. रत्न तिवारी ने कहा कि इस बार भी गेंहू के भंडारण भरेंगे. सरकार ने 115 मिलियन टन गेंहू के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है. डॉक्टर रत्न तिवारी ने कहा कि तापमान गेहूं के अनुकूल है. किसानों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है. इस बार रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन होने के आसार हैं.
रत्न तिवारी ने कहा कि इस वक्त जो तापमान चल रहा है, वो गेहूं की फसल के खासा अनुकूल है. किसानों को किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है. पिछले कुछ दिनों में अधिकतम तापमान में करीब दो डिग्री की बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन न्यूनतम तापमान सामान्य ही रहा. गेहूं पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिला है.
रत्न तिवारी ने कहा कि अभी दिन और रात का औसत तापमान गेहूं की फसल के अनुकूल बना हुआ है. धूप बंद कमरे या शीशे के कमरे में बैठने वालों को धूप तीखी लग सकती है, क्योंकि वहां पर हवा नहीं आती है. अगर खुली हवा में जाआगें तो धूप लग रही है तो तापमान उतना महसूस नहीं होगा.
रत्न तिवारी ने कहा कि अभी तक 30 डिगी तापमान नहीं दिख रहा है. पौधे के लिए औसत तापमान निकालने के लिए दिन और रात के अधिकतम और न्यूनतम तापमान को जोड़कर इसका 2 से भाग किया जाता है, प्राप्त तापमान को औसत तापमान कहा जाता है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस तापमान के कारण गेहूं का दाना बारीक होगा? तो इस पर डायरेक्टर ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. तापमान गेहूं की फसल के लिए काफी अनुकूल चल रहा है. जिन किसानों ने गेहूं की फसल लगाई हुई है, उनकी फसल में फुटाव सही चल रहा है. इस बार टेलरिंग ज्यादा हुई है, जो पिछले साल के मुकाबले अधिक है.
उन्होंने किसानों से अपील की है कि इस वक्त हवा तेज चल रही है, अगर किसान भाई फसल में पानी देने की सोच रहे है तो उन्हें दिन वक्त गेहूं की फसल में पानी देने से बचना चाहिए, शाम को पानी लगाना चाहिए. इसके साथ ही कृषि वैज्ञानिकों की ओर से जारी की जाने वाली गाइडलाइन पर अमल करना चाहिए. फिलहाल किसानों को घबराने की जरुरत नहीं है, मौसम फसल के अनुकूल बना हुआ है.
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