इस साल यानी 2023 का मॉनसून कई राज्यों पर भारी पड़ा है. इसमें सबसे अव्वल हिमाचल प्रदेश है. हिमाचल प्रदेश पर मॉनसून की मार पड़ी है. मॉनसून में मूसलाधार बारिश के चलते प्रदेश में कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है.
भूस्खलन की वजह से एक तरफ जहां जान माल का नुकसान हुआ है तो वहीं बड़ी संख्या में सड़कें भी टूट गई है और हिमाचल का कई राज्यों से संपर्क कट गया है. हिमाचल की सड़कों पर पड़ी इस मार से किसान भी परेशान हैं, जिसमें लाहौल के किसान भी शामिल हैं.
हिमाचल का सड़कें बंद हैं, इस वजह से लाहौल में रोजाना तीन करोड़ रुपये के फूड बर्बाद हो रहे हैं. असल में देश के कई राज्यों में मॉनसून के दौरान सूखा पड़ा है, लेकिन इस मॉनसून हिमाचल अतिवृष्टि का सामना कर रहा है. अगर देखा जाए तो हिमाचल में एक के बाद एक भूस्खलन के मामले सामने आ रहे हैं.
मॉनसून की ये मार किसानों पर मुसीबत साबित हो रही है. लाहौल में फूल की खेती करने वाले किसान रॉबिन कहते हैं कि बारिश और भूस्खलन की वजह से कुल्लू घाटी का पूरे देश से संपर्क कट गया है. इस वजह से लाहौल के किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा है.
वह बताते हैं कि लाहौल में फूलों की खेती होती है. किसानों के खेतों में फूल तैयार हैं, जिन्हें वह दिल्ली समेत देश की अन्य मंडियों में भेजते हैं , लेकिन सड़कें बंद होने की वजह से किसान पैकिंग करने के बाद भी फूल फेंकने को मजबूर हैं. वहीं कई किसान अपने खेतों में ही फूलों को सूखा रहे हैं.
लाहौल के किसान रॉबिन कहते हैं कि मॉनसून सीजन में देशभर में बारिश होती है, लेकिन लाहौल घाटी में मॉनसून का असर नहीं होता है. मसलन, मॉनसून सीजन में लाहौल के अंदर बारिश नहीं होती है. ऐसे में इस सीजन में लाहौल के किसान फूलों की खेती और विदेशों में उगने वाली सब्जियों की खेती करते हैं.
वह कहते हैं कि सीधे शब्दों में कहा जाए तो ये सीजन लाहौल के किसानों का पीक सीजन होता है. क्योंकि बाकी महीनों में लाहौल बर्फ से ढका रहता और गर्मी में किसान जो फसल लगाते हैं वो मॉनसून सीजन में तैयार हो जाती है. जिसको बेचकर किसान पूरे साल का पैसा जुटा लेते हैं.
लाहौल से प्रतिदिन तकरीबन तीन करोड़ के फूल और विदेशी सब्जियां देश की मंडियों में भेजी जाती हैं, लेकिन मौजूदा समय में मॉनसून की हिमाचल की सड़कों पर जिस तरीके से मार पड़ी है, उस वजह से यहां के किसानों को प्रतिदिन अनुमानित तौर पर तीन करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.
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