आपने मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद तो जरूर चखा होगा. अगर आप अभी तक इसका स्वाद नहीं ले पाए हैं तो नाम तो जरूर सुना होगा. यह लीची मई के महीने से बाजार में आनी शुरू हो जाती है. लेकिन अब शाही लीची सिर्फ मुजफ्फरपुर या पटना में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में बिकती नजर आ रही है.
बिहार के मुजफ्फरपुर की मशहूर शाही लीची अब आम लोगों के स्वाद को बढ़ाने और मन की खुश करने के लिए बिलकुल तैयार है. आपको बता दें लंबे समय के बाद अब लीची की कटाई का काम बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है. यहां बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं लीची की कटाई-छंटाई और पैकिंग का काम कर रही हैं. इससे मुजफ्फरपुर की हजारों ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिला है.
लीची की कटाई और पैकिंग से मुजफ्फरपुर की ग्रामीण महिलाओं को अपने घर के पास ही रोजगार मिल गया है. इससे महिलाओं में बेहद खुशी है. ये महिलाएं सुबह 7 बजे घर का काम निपटाकर लीची की कटाई और पैकिंग के काम पर निकल जाती हैं. दिन भर लीची तोड़ने और पैकिंग का काम कर वो शाम वापस अपने घर को निकल जाती हैं.
लीची तोड़ने पर महिलाओं को पैसे तो मिल ही रहे हैं. इसके साथ ही दोपहर का खाना और सुबह का नाश्ता भी दिया जाता है. इससे महिलाओं को अच्छा रोजगार मिला है. यह काम पूरे लीची सीजन में जारी रहेगा. अगले दो महीने तक स्थिति ऐसी ही रहेगी जिससे महिलाओं को काफी राहत मिलेगी.
लीची तोड़ रही 65 वर्षीय देवी ने कहा कि बहू के साथ-साथ हमें भी घर के पास ही रोजगार मिल गया है. सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भी यहीं उपलब्ध रहता है. ऐसा सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक करना होगा. उत्तर प्रदेश से अपने मायके आई मुन्नी देवी ने बताया कि वह हर साल लीची के मौसम में आती है और अच्छी आमदनी कमा कर जाती है.
वही लीची किसान उमा शंकर राय ने बताया कि महिलाएं लीची की कटाई और छंटाई का काम बहुत अच्छे तरीके से करती हैं. इसलिए यह काम महिलाएं ज्यादा करती हैं और आसपास महिलाओं को ढूंढना भी आसान होता है.
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