
धनिया भारतीय रसोई का अहम हिस्सा है. चाहे सब्जी में डालना हो या सजावट के लिए इस्तेमाल करना हो, ताजा हरी धनिया हर डिश का स्वाद बढ़ा देती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप इसे घर पर बहुत आसानी से उगा सकते हैं? बस कुछ आसान टिप्स अपनाइए, और कुछ ही दिनों में आपकी बालकनी या रसोई की खिड़की के पास हरी-भरी धनिया की खुशबू फैल जाएगी.

घर पर बीज से धनिया उगाना न केवल आसान है बल्कि यह आपकी रसोई को हरियाली और ताजगी से भर देता है. इसमें ज्यादा जगह या खर्च की जरूरत नहीं होती है. बस थोड़ा ध्यान, नियमित पानी और सही धूप. तो आज ही कुछ बीज बोएं, और कुछ हफ्तों में अपनी खुद की उगाई धनिया से हर डिश को बनाएं और भी खास.

सही बीज का चुनाव: धनिया उगाने के लिए सबसे पहले अच्छा बीज चुनना जरूरी है. बाजार में मिलने वाले सूखे धनिया दाने ही बीज के रूप में काम आते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि वे बहुत पुराने न हों. आप चाहें तो नर्सरी से भी बीज खरीद सकते हैं. बीज बोने से पहले उन्हें हल्के हाथों से दो भागों में तोड़ लें. इससे अंकुरण जल्दी होता है.

मिट्टी की तैयारी करें: धनिया के लिए मिट्टी बहुत गहरी या भारी नहीं होनी चाहिए. यह हल्की, भुरभुरी और जैविक खाद या कंपोस्ट से भरपूर मिट्टी में अच्छी तरह उगता है. मिट्टी तैयार करते समय उसमें थोड़ा गोबर की खाद या वर्मीकंपोस्ट मिला लें. अगर आप गमले में उगा रहे हैं तो उसमें पानी निकासी के लिए नीचे कुछ छोटे छेद जरूर रखें, ताकि पानी जमा न हो.

सही समय और जगह चुनें: धनिया ठंडे या हल्के गर्म मौसम में बेहतर उगता है. अक्टूबर से फरवरी तक का समय इसके लिए आदर्श माना जाता है. पौधे को सीधी धूप की जरूरत होती है, लेकिन बहुत ज्यादा गर्मी से यह जल्दी सूख सकता है. इसलिए गमले को ऐसी जगह रखें जहां सुबह की हल्की धूप मिले और दोपहर में हल्की छांव.

बीज बोने का तरीका: तैयार मिट्टी में बीजों को 1 से 1.5 सेंटीमीटर गहराई में बोएं और ऊपर से हल्की मिट्टी की परत डाल दें. ज्यादा गहराई में बोएंगे तो अंकुरण मुश्किल होगा. अब मिट्टी को हल्के हाथों से पानी दें ताकि नमी बनी रहे, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी गीली न हो. करीब 7 से 10 दिनों में बीज अंकुरित हो जाते हैं और छोटे-छोटे पौधे दिखने लगते हैं.

नियमित देखभाल करें: धनिया को रोजाना हल्का पानी देना जरूरी है, खासकर जब मौसम हल्का सा गर्म होने लगे. हर 10 से 15 दिनों में थोड़ी जैविक खाद डालें ताकि पौधों की वृद्धि बनी रहे। अगर पत्तियां पीली पड़ने लगें या पौधा कमजोर दिखे, तो थोड़ी अतिरिक्त धूप और खाद दें.
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