किसान हमेशा नए और पुराने ट्रैक्टर को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं. इसलिए आज हम आपका ट्रैक्टर को लेकर ये कन्फ्यूजन दूर करने की कोशिश करेंगे. नया ट्रैक्टर खरीदने पर इसके सात गारंटी मिलती है लेकिन पुराने ट्रैक्टर की कोई गारंटी नहीं होती.
नया ट्रैक्टर लेने पर किसान को लोन आराम से मिल जाता है और मनमुताबिक किस्तें मिल जाती हैं. वहीं पुराने ट्रैक्टर पर या तो लोन मिलेगा नहीं और अगर मिला तो ब्याज बहुत ज्यादा देना पड़ेगा. लेकिन अगर आप सारा पैसा एक साथ दे सकते हैं तो पुराना ट्रैक्टर खरीदना फायदे का सौदा होगा.
अगर आप ट्रैक्टर के बारे में कम जानकारी रखते हैं तो पुराने ट्रैक्टर में नुकसान खा सकते हैं. अगर अनजाने में खराब कंडीशन वाला ट्रैक्टर खरीद लेते हैं तो इसका मेंटेनेंस खर्च बहुत महंगा पड़ेगा. इसलिए पुराना ट्रैक्टर तभी खरीदें जब इसकी कंडीशन की अच्छी जानकारी हो और बजट टाइट हो.
ट्रैक्टर किसानों के लिए सबसे बड़ा निवेश भी होता है. ऐसे में कुछ किसान कम बजट होने की वजह से पुराना ट्रैक्टर खरीदते हैं. लेकिन पुराना ट्रैक्टर खरीदते वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए, तभी आप ट्रैक्टर से अधिक से अधिक फायदा उठा सकेंगे. इसमें सबसे जरूरी है ट्रैक्टर का रखरखाव.
पुराने ट्रैक्टर में हमेशा लोकप्रिय और भरोसेमंद ब्रांड ही चुनना चाहिए. इसके साथ ही पुराने ट्रैक्टर के मालिक के बारे में भी जानकारी लेना जरूरी है. किसी पहचान वाले का ट्रैक्टर मिले तो और भी अच्छा रहेगा.
सबसे जरूरी चीज ये कि अगर ट्रैक्टर चलने के औसत घंटे 900-1000 से अधिक हैं तो इसे लेने से बचना चाहिए. इसके साथ ही कोशिश करें कि पुराना ट्रैक्टर खरीदते वक्त अपने साथ एक भरोसेमंद मिस्त्री भी लेकर जाएं. इसके अलावा पुराना ट्रैक्टर चलाकर जरूर देखें, उससे सब ट्रैक्टर की कंडिशन समझ आ जाएगी.
ट्रैक्टर खरीदने से पहले किसान को अपनी जरूरत पहचाननी जरूरी है. इसके बाद ट्रैक्टर कितने हॉर्सपावर का लेना है, ये आपकी खेती पर निर्भर करता है. अगर खेती कम है तो बड़े इंजन का ट्रैक्टर लेने पैसे की बरबादी होगी.
वहीं ट्रैक्टर खरीदने जब भी जाएं तो बजट थोड़ा घटाकर जाएं, ताकि जरूरत से ज्यादा महंगा ट्रैक्टर ना लें पाएं. ट्रैक्टर हमेशा पास के और भरोसेमंद डीलर से ही खरीदें. इसके अलावा जितना संभव हो उतना मोलभाव करें.
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