महाराष्ट्र के हिंगोली में बेमौसम बारिश ने किसानों का जीना मुश्किल कर दिया है. भारी बारिश के कारण कपास, तुअर और पपीते समेत अन्य फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. वहीं पिछले चार दिनों से हो रही बारिश और बिजली गिरने से हिंगोली जिले 10 जानवरों की मौत भी हुई है. जिलाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अब तक बिजली और बारिश के कारण दो लोग गंभीर रूप सें घायल हो गये हैं तो एक किसान की बिजली गिरने सें मौत हो गई है.
जिले के रहने वाले किसान सुरेश ठाकुर का कहना है कि पिछले तीन सालों से खेती में घाटा चला रहा है. कभी बेमौसम बारिश तो कभी सूखे की मार से लगातार फसलों का नुकसान हो रहा है. ठाकुर ने इस साल 10 एकड़ खेती में पपीता, केला, कपास और तुअर की खेती की थी. उन्होंने सोचा था कि शायद इस साल अच्छा उत्पादन मिलेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
खेती पर मौसम की मार पड़ी है. शुरू में बारिश न होने के कारण फसल सूख गई और बची हुई फसल बेमौसमी बारिश ने छीन ली. ठाकुर ने बताया कि पिछले साल हुए नुकसान का अब तक बीमा का पैसा नहीं मिला है. जिले के किसानों का कहना है कि इतना नुकसान के बावजूद अब तक फसलों का पंचनामा करने के लिए कोई अधिकारी खेत में नहीं आया है.
हिंगोली जिले के कलमनूरी तालुका में किसान सबसे ज्यादा पपीते की खेती करते हैं. बेमौसम बारिश के कारण पपीते के बाग बड़े पैमाने पर बर्बाद हो गए हैं. महिला किसान मीना बाई बताती हैं कि उन्होंने अपने दो एकड़ खेत में कपास,पपीता और गेहूं की फासल लगाई थी, लेकिन चार दिनों से हो रही बारिश में गेहूं की फसल बह गई. खेत में खड़ी कपास की फसल बारिश से भीगकर बर्बाद हो गई है. इससे भारी नुकसान हुआ है.
जिले के किसानों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने क्षतिग्रस्त फसलों के पंचनामा के आदेश तो दिये लेकिन अब तक पंचनामा करने के लिए कोई अधिकारी नहीं आया.
महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र पिछले दो दिनों में बेमौसम बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. मराठवाड़ा में कुल 47 हजार 109 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों के खराब होने की बात सामने आई है. जिसमें 24 हजार 855 हेक्टेयर में बागवानी जबकि 22 हजार 97 हेक्टेयर में रबी फसलों का नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा नुकसान छत्रपति संभाजी नगर जिले के किसानों को हुआ है. इस क्षेत्र में 26 और 27 नवंबर से बारिश हो रही है. बेमौसम और अतिवृष्टि से 598 गांव प्रभावित हुए हैं. जिसमें से अकेले छत्रपति संभाजीनगर के 509 और परभणी के 75 गांव शामिल हैं.
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