देश के कई इलाकों में लंपी स्किन डिजीज अभी तक खत्म नहीं हुआ है. सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है कि इस बीमारी से बचने के उपाय निकाले जाएं. इसके लिए सरकार मवेशियों का टीकाकरण कर रही है, लेकिन वर्तमान समय में इस रोग का प्रकोप अभी भी कम नहीं हुआ है.
इससे दुधारू पशुओं में इस बीमारी का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. इस संक्रमण से बचने के लिए महाराष्ट्र के सांगोला तालुका के व्यापारी जितेंद्र बजारे जो खुद भी पशुपालक हैं, उन्होंने गाय के लिए पीपीई किट बनाई है.
लंपी रोग गाय के शरीर पर मच्छरों के बैठने से होता है. इसके लिए गाय के शरीर पर उन्होंने पीपीई किट पहनाने की सलाह दी है. उन्होंने यह पीपीई किट नॉन ओवन फैब्रिक से बनाई है. इससे अगर गाय के शरीर पर मच्छर बैठ भी जाए तो वह उसे काट नहीं पाएगा.
जितेंद्र बजारे का यह भी दावा है कि पीपीई किट किसानों के लिए बहुत उपयोगी हो सकती है. इस किट के अंदर और बाहर छोटी जेब होती है. इसमें वे मच्छरों को भगाने की दवा भी रख सकते हैं, ताकि मच्छर गाय के पास न आएं.
बजारे कहते हैं कि उनके द्वारा बनाई गई पीपीई किट औसतन 1300 से 1400 रुपये की लागत से तैयार की गई है. वहीं इससे लाखों रुपये के पशुधन की सुरक्षा होती है, इसलिए जितेंद्र बजारे ने सरकार से अपील की है कि इस पीपीई किट का उपयोग करके रोग को रोकने का प्रयास किया जाए.
देश में चल रहे लंपी स्किन बीमारी से किसानों के पशु मर रहे हैं. इसलिए उन्होंने सोचा कि इस किट का उपयोग जानवरों के लिए किया जाए तो उसका फायदा होगा. लंपी स्किन बीमारी मच्छर के काटने से एक जानवर से दूसरे जानवर तक फैलती है. उसे रोकने के लिए पीपीई किट काम आएगी.
इस किट की बनावट ऐसी है कि पशुओं का दूध निकालना और इलाज भी आरामदायक है. उन्होंने सरकार से गुजारिश की है कि इस पीपीई किट का इस्तेमाल करके पशुधन बचाए जाएं. वहीं उन्होंने कहा कि इसकी कीमत भी कम रखी है जिसे किसान आसानी से खरीद सकते हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today