गुजरात का डांग जिला 2021 में पूर्णत: प्राकृतिक खेती वाला जिला घोषित किया जा चुका है. यहां 'आपणु डांग, प्राकृतिक डांग' अभियान चलाया गया, जो आज देश के लिए एक सफल उदहारण है. फोटो- एएनआई
डांग के किसानों ने सरकारी मदद और ट्रेनिंग की बदौलत प्राकृतिक खेती को दिल से अपनाया है. आज इन किसानों की आजीविका में बेहद सुधार हुआ है. डांग में कई किसान सफलता की नई इबारत लिख रहे हैं. फोटो- एएनआई
भूरापानी गांव के रहने वाले किसान यशवंतभाई सहारे जिले के सफल किसानों में शामिल हैं. वह गुजरात और अन्य राज्यों में प्राकृतिक खेती, पशुपालन और प्राकृतिक खादों के बारे में ट्रेनिंग ले चुके हैं. यशवंतभाई अपने खेतों में फिंगर बाजरा, कटहल, चावल, रागी, काली मसूर और सोयाबीन की खेती करते हैं. फोटो- एएनआई
डांग जिले के कृषि उप निदेशक संजय भगरिया ने बताया कि वर्ष 2024-25 में 285 से अधिक क्लस्टर-आधारित ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के जरिए अब तक 9,020 किसानों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है.
डांग के किसानों को ग्राम सेवकों की मदद से ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर ट्रैक्टर, रोटावेटर, थ्रेसर और श्रेडर आदि कृषि मशीनरी सब्सिडी पर दी जाती है. यही वजह है कि यहां किसानों को अब खेती के लिए आसानी से वाहन, मशीनरी खरीद पा रहे हैं.
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