
जालना कृषि उत्पन्न बाजार समिति में इस साल मौसंबी किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. ठंड बढ़ने और मांग घटने के कारण दामों में अचानक तेज़ गिरावट आई है. किसानों के मुताबिक यह पिछले 10 सालों का सबसे कम भाव है.

पिछले एक महीने में मौसंबी के दाम 20,000 रुपये प्रति टन से सीधे 12,000 रुपये प्रति टन पर आ गए. यानी 8,000 रुपये प्रति टन की बड़ी गिरावट ने किसानों की कमर तोड़ दी है.

जालना बाजार समिति में इस समय रोज़ाना 400 से 450 क्विंटल मोसंबी की आवक हो रही है. गुणवत्ता के हिसाब से किसानों को सिर्फ 800 से 1400 रुपये प्रति क्विंटल का ही भाव मिल रहा है, जो बेहद कम है.

इस साल जालना में पहले अतिवृष्टि ने मोसंबी उत्पादन को नुकसान पहुंचाया और अब ठंड ने भी झटका दे दिया. लगातार बारिश से फलों की क्वालिटी खराब हुई और ठंड बढ़ते ही बाज़ार की मांग भी गिर गई.

किसानों के अनुसार, इस समय मंडी में पहुंच रही मोसंबी में से लगभग 50 प्रतिशत मोसंबी खराब ग्रेड की है. खराब गुणवत्ता के कारण किसानों को मिलने वाले दाम और भी कम हो गए हैं.

पिछले वर्ष जालना में मोसंबी का अधिकतम भाव 3350 रुपये क्विंटल (33,000 रुपये प्रति टन) तक पहुंचा था. इस बार अगस्त–सितंबर में भाव 18-20 हजार रुपये तक रहे, लेकिन नवंबर से गिरावट इतनी तेज़ हुई कि अब दाम सिर्फ 12,000 रुपये प्रति टन रह गए हैं.

जालना से दिल्ली, जयपुर जैसे बड़े बाजारों में मोसंबी की अच्छी मांग रहती है, पर उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड की वजह से इस बार खरीदी बहुत कम हो गई. लगातार गिरते दामों से किसान संकट में हैं और सरकार से उचित बाजार भाव दिलाने की अपील कर रहे हैं. (गौरव विजय साली का इनपुट)
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