
अरंडी का पौधा एक खास पौधा होता है. इसकी पत्तियों में ऐसा जादू होता है कि सूखी, बंजर मिट्टी भी दोबारा अच्छी और उपजाऊ बन जाती है. किसान इसे “मिट्टी का सोना” भी कहते हैं.

अरंडी की पत्तियां जब गलती हैं, तो उनसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश जैसे ज़रूरी तत्व निकलते हैं. ये चीज़ें पौधों को खाना देती हैं और उन्हें जल्दी बढ़ने में मदद करती हैं.

अगर इन पत्तियों को सुखाकर मिट्टी में मिलाया जाए, तो मिट्टी नरम और अच्छी हो जाती है. इससे पौधे ज्यादा हरे-भरे और मजबूत बनते हैं. इसमें कोई खराबी नहीं होती, जैसे कभी-कभी रासायनिक खाद से हो जाती है.

अरंडी की पत्तियां कीटों से लड़ने में भी बहुत अच्छी होती हैं. दीमक, मक्खी और रस चूसने वाले कीड़े इनसे दूर रहते हैं. पत्तियों को पानी में भिगोकर उसका छिड़काव किया जाए, तो वह एक हल्का और सुरक्षित कीटनाशक बन जाता है.

जब सूखी अरंडी की पत्तियां पौधों के आसपास बिछा दी जाती हैं, तो मिट्टी में नमी बनी रहती है. गर्मी में पौधों को कम पानी चाहिए होता है और खरपतवार भी जल्दी नहीं उगते.

अरंडी की पत्तियां बहुत जल्दी गल जाती हैं. इसलिए कम्पोस्ट जल्दी तैयार होता है. इससे पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं और पत्तियां ज्यादा हरी-भरी बनती हैं.

इन पत्तियों में आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे छोटे लेकिन ज़रूरी पोषक तत्व भी होते हैं. इन्हें डालने से फूलों और सब्ज़ियों वाले पौधे बहुत अच्छे से बढ़ते हैं.
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