आज के समय में बाजार में सामान की गारंटी कोई नहीं ले सकता. बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए हर तरह की मिलावट की जा रही है. ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए लोग इतनी मिलावट और कालाबाजारी करते हैं जिसके बारे में हम और आप सोच भी नहीं सकते.
मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन आपके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. इससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है. इतना ही नहीं, डायबिटीज और पेट संबंधी घातक बीमारियां भी ज्यादातर मिलावटी सामान के सेवन से होती हैं. खासकर त्योहारी सीजन के दौरान ड्राई फ्रूट्स और सूखे मेवों की मांग हद से ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में इस मांग को पूरा करने के लिए खूब मिलावट की जाती है.
कई बार सरकारी एजेंसियां बाजार में नकली बादाम, काजू आदि की खेप पकड़ती हैं. ये चीजें इस तरह से मिलावटी होती हैं कि इन्हें आसानी से पहचानना मुश्किल होता है. ऐसे में आइए आज जानते हैं कि आप असली और नकली बादाम के बीच अंतर कैसे पहचान सकते हैं.
बाजार से बादाम खरीदते समय आम लोग यह फर्क नहीं कर पाते कि शरीर को पोषण देने वाली जो चीज वे खरीदकर घर ले जा रहे हैं वह असली है या नहीं. इन चीजों में मिलावट इस तरह से की जाती है कि ये बिल्कुल असली जैसी दिखती हैं.
लेकिन कुछ टिप्स अपनाकर आप असली और नकली बादाम में फर्क कर सकते हैं. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) भी समय-समय पर असली और नकली खाद्य उत्पादों की पहचान के लिए कुछ सुझाव जारी करता रहता है.
असली और नकली बादाम की पहचान करने के लिए बादाम को आपको अपनी हथेली पर रगड़ना होगा. अगर रगड़ने पर बादाम का रंग उतर रहा है तो समझ लें कि यह नकली और मिलावटी है. इसे बनाने के लिए ऊपर से पाउडर और आर्टिफ़िशियल रंग का इस्तेमाल किया गया है.
आप इसकी पहचान बादाम के रंग से भी कर सकते हैं. असली बादाम का रंग हल्का भूरा होता है, जबकि नकली बादाम का रंग गहरा दिखता है.
असली और नकली बादाम की पहचान करने के लिए इसे कागज पर कुछ देर तक दबाकर रखें. अगर ऐसा करने से कागज पर तेल के निशान दिखाई देने लगें तो बादाम असली हैं.
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