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Video: न के बराबर खेती फिर भी भुसावल का केला मशहूर क्यों, क्या है असली कहानी

Video: न के बराबर खेती फिर भी भुसावल का केला मशहूर क्यों, क्या है असली कहानी

 

महाराष्ट्र के जलगांव से सटे भुसावल को केला उत्पादन का गढ़ माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भुसावल में केले की खेती न के बराबर की जाती हैं. महाराष्ट्र राज्य केला उत्पादक संघ के पदाधिकारी पंढरीनाथ इंगले बताते हैं कि महाराष्ट्र के रावेल और यावल तालुका के केलों को ही IG tag मिला है. और इन्हीं तालुका में सबसे ज्यादा और अच्छी क्वालिटी का केला होता है.इन दोनों के मुकाबले भुसावल में सिर्फ 1 या 2 परसेंट केला उत्पादन होता है.. केला पहले भुसावल रेलवे स्टेशन से मालगाड़ी से मंडी की तरफ जाता था तो उसके ऊपर भुसावल का सील लगा होता था..इसलिए लोगों के मन मे भ्रम हो गया कि भुसावल से केला आया है, जबकि यावल का ही केला भुसावल में लोड होता है और वहां से आगे जाता है. इसलिए लोग इसे भुसावल केला बोलते हैं..यावल और रावेल जैसे कुछ तालुका में पहले देशी केला की महालक्ष्मी किस्म होती थी लेकिन अब ये किस्म गुम हो गई है..अब किसान सबसे ज्यादा G9 केले की किस्म की खेती करते हैं