शरद ऋतु की ठंडक शुरू होते ही किसानों के लिए सरसों की बुवाई का सुनहरा मौका आ गया है. यह फसल न केवल तेल उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि खली, पशु चारा और निर्यात के लिए भी बहुत लाभकारी मानी जाती है. सरसों की खेती किसानों की आय बढ़ाने का एक मजबूत जरिया बन सकती है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) का कहना है कि अगर किसान सही समय पर बुवाई करें और उन्नत किस्मों का चुनाव करें, तो उन्हें प्रति हेक्टेयर 30–35 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है.
Sow mustard early in October these varieties yield up to 35 quintals
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