पंजाब में आधुनिक खेती ने पर्यावरण और प्राकृतिक फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में संगरूर जिले के सरकारी शिक्षक और पक्षी प्रेमी लक्ष्मण सिंह चट्ठा ने पक्षियों की सुरक्षा के लिए एक मिसाल कायम की है. उन्होंने अपनी निजी पांच कनाल जमीन पर बाजरे की फसल केवल पक्षियों के लिए बोई है. यहां सुबह-शाम सैकड़ों पक्षी अनाज खाने आते हैं. यह बाजरे की फसल लगभग दो महीने तक पक्षियों के लिए खुली रहती है.
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