गोमूत्र का लाभ खेती में भी है. प्राकृतिक खेती (natural farming) में जहां गाय के गोबर और गोमूत्र का प्रयोग किया जा रहा है. वही झांसी जनपद (Jhansi district) में एक ऐसे भी किसान हैं जो केवल गोमूत्र के उपयोग से ही खेती करते हैं. धर्मेंद्र नामदेव (Dharmendra Namdev) की इसके सामने गोमूत्र के माध्यम से दलहनी फसलों (pulse crops) की खेती की तो उनके खेतों को काफी फायदा मिला. किसान धर्मेंद्र नामदेव (Farmer Dharmendra Namdev) का कहना है कि दलहनी फसलों की खेती करने से खेत की उर्वरता में इजाफा होता है. वहीं, जब उन्होंने गोमूत्र का प्रयोग किया तो इससे दलहनी फसलों की खेती में और ज्यादा फायदा मिला. उन्होंने अपने खेतों में मूंग को लगाया है और पैदावार भी बढ़िया है. एक पेड़ में 70 से 80 फलियां आई है जो काफी बड़ी और मोटी है. उन्होंने अपने खेत में किसी भी तरह के केमिकल का प्रयोग नहीं किया है. उनके इस प्रयोग से यह तय है की प्राकृतिक तरीकों से खेती (natural farming)
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